रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सितंबर में हुई व्लादिवोस्तोक में द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में रूस ने भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों को तेजी से अनुकूलन के लिए प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञता मुहैया करने का प्रस्ताव रखा था.
इसरो ने दिसंबर 2022 तक गगनयान परियोजना के तहत पहला मानव रहित कार्यक्रम शुरू करने का लक्ष्य रखा है.
रूस ने शुक्रवार को मून मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञ भेजने के अपने वादे को फिर से दोहराया.
‘रूसी अंतरिक्ष निगम ‘रोस्कोस्मोस’ और मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बीच बहुत अच्छा संबंध है,’ रूसी संघ के महावाणिज्य दूतावास, कौंसल जनरल, ओ अव्दिव ने कहा.
अवेडेव ने एक प्रेस रिलीज में व्लादिवोस्तोक और चेन्नई के बीच समुद्री संचार लिंक विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का उल्लेख किया, जो भारत को रूसी हाइड्रोकार्बन निर्यात में सहायता करेगा.
उन्होंने यहां से लगभग 600 किमी दूर तिरुनेलवेली में भारत-रूस संयुक्त उद्यम कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना का भी जिक्र किया और कहा कि दो इकाइयां पहले से ही चालू थी, जबकि अन्य दो ‘निर्माणाधीन’ थी.
उन्होंने कहा कि अगले 20 वर्षों में दीर्घकालिक लक्ष्य अवधि के तहत दो और यूनिट स्थापित की जाएंगी.
शिक्षा क्षेत्र पर, उन्होंने कहा कि 2019 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए रूस में अध्ययन करने के लिए 1,200 से अधिक छात्रों के साथ 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.