जयपुर: प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कई मुद्दों पत्रकारों से बात की. केंद्र सरकार द्वारा कृषि और कृषि व्यापार से संबंधित लाये गये तीन कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए इन्हें कृषि एवं किसान विरोधी बताया, पायलट ने कहा कि कोरोना काल में अध्यादेशों के माध्यम से उक्त कानून लागू किये है, जबकि ऐसी कोई आपात स्थिति नहीं थी.
उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है जबकि केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्यों से किसी प्रकार की सलाह नहीं ली. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसान संगठनों एवं राजनैतिक दलों से भी इस संबंध में कोई राय-मशविरा नहीं किया गया.
पायलट ने कहा कि मोदी सरकार प्रारम्भ से ही किसान विरोधी रही हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों के लिए भूमि मुआवजा कानून रद्द करने के लिए एक अध्यादेश प्रस्तुत किया. परन्तु राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एवं किसानों के विरोध के कारण मोदी सरकार को पीछे हटना पड़ा.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इन तीन नए कानूनों से किसान, खेत-मजदूर, कमीशन एजेंट, मंडी व्यापारी सभी पूरी तरह से समाप्त हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि एपीएमसी प्रणाली के समाप्त होने से कृषि उपज खरीद प्रणाली समाप्त हो जायेंगी. किसानों को बाजार मूल्य के अनुसार न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और न ही उनकी फसल का मूल्य.