महाराष्ट्र: पालघर में 17 अप्रैल को हुई मॉब लिंचिंग की घटना ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया है. पालघर में ग्रामीणों ने 3 लोगों की बच्चा चोर समझकर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इनमें से 2 साधू थे. इस मामले में पुलिस ने अब 110 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 101 लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें 30 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया गया है.
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वारदात सुशील गिरी, चिकने महाराज और निलेश तिलघाटे के साथ हुई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस वक्त भीड़ ने तीनों पर हमला किया. उस वक्त उनके पास 6 लाख रुपए नकद भी थे जो घटना के बाद से ही गायब बताए जा रहे हैं.
मृतकों के परिवार और उनके नजदीकी लोगों ने यह बात कही है. बता दें कि सैंकड़ों लोगों ने तीनों को चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला था.
सुनील गिरी महाराज के एक भक्त ने बताय कि वे कल्पवृक्ष उर्फ चिकने (70 साल) और 30 साल के तिलघाटे के साथ सूरत जा रहे थे. वहां वे पुजारी रामगिरी महाराज के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले थे, जिनका 16 अप्रैल को निधन हो गया था. इसके बाद गिरी महाराज और चिकने महाराज ने साथ में अंतिम संस्कार में शामिल होना तय किया था.
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मुंबई के कांदीवली में पिंपलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी जहां के सुनील गिरी मुख्य पुजारी थे. उनका कहना है कि रामगिरी महाराज के अंतिम संस्कार के लिए गिरी के भक्तों ने दान दिया था, इससे 6 लाख रुपए जमा हुए थे. पैसा जमा होने के बाद वे लोग ड्राइवर तिलघाटे को लेकर निकले थे.
मृतकों की कार पर लाठियों, पत्थरों से हमला
तीनों लोगों के साथ हुई मॉब लिंचिंग का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसमें दर्जनों लोग मृतकों की कार पर लाठियों, पत्थरों से हमला कर रहे हैं. इस दौरान पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन ग्रामीणों की ओर से हमला जारी रखा गया. वहीं इस घटना के सामने आने के बाद संत समाज में जमकर गुस्सा और नाराजगी है.