रामगढ़: कोरोना संक्रमण के योद्धा के रूप में कार्य कर रही सेविका,सहिया, सहायिका का विरोध करने वालों पर केवल कानूनी कार्यवाई ही नहीं सामाजिक स्तर पर भी विरोध होना चाहिए. अपनी जान की परवाह किए बगैर सेविका, सहिया, सहायिका घर -घर पहुंच अपनी जिम्मेवारी उस समय निभा रही है, जब हम संक्रमण के खौफजदा हो घरों में बंद है. आखिर इनका विरोध के पीछे का रहस्य क्या है ? यह भी स्पष्ट होना चाहिए. इनका विरोध होता रहा तो हम कोरोना जैसे महामारी से जंग किस तरह जीत पाएंगे. ऐसे विरोधियों को समाज व देश विरोधी समझा जाना चाहिए महामारी रोकने के लिए सबको तय नियमों का पूरी तरह पालन करना ही होगा. इससे संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकेगा. जब लोगों को निजता और स्वास्थ्य में से एक को चुनना पड़े तो जाहिर है की स्वास्थ्य को ही चुनना होगा. कोरोना का फैलाव रोकने के लिए हमें दक्षिण कोरिया ,ताइवान और सिंगापुर से सीख लेनी चाहिए. इन देशों के लोगों ने ईमानदारी से व्यापक पैमाने पर टेस्ट कराएं है और अपनी सजगता का परिचय दिया है.
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