धनबाद: विधानसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण को लेकर धनबाद में हो रहे नामांकन प्रक्रिया के चौथे दिन धनबाद का चर्चित घराना सिंह मेंशन के युवराज संजीव सिंह और पुत्र वधू रागिनी सिंह ने एक साथ झरिया विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता अनिल कुमार के कार्यालय पहुंच कर झरिया सीट के लिए अपना-अपना पर्चा दाखिल किया. इस दौरान सिंह मेंशन की जननी कुंती देवी जेल गेट के समक्ष उनका इंतजार करती देखी गई.
सिंह मेंशन की माता कुंती देवी ने पर्चा दाखिल नहीं किया. वह अपने पुत्र संजीव सिंह और पुत्र वधू के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होने धनबाद समाहरणालय के समक्ष जरूर पहुंची, लेकिन इस दौरान वह पूरे समय अपनी इनोवा कार में ही बैठी रही. जब मीडिया कर्मियों ने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा संजीव और बहू रागिनी चुनाव लड़ रहे है. मैं गार्जियन हूं. मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी. मैं तो बस झरिया कार्यालय में बैठ कर इनका समर्थन करुंगी.’
वहीं इससे पूर्व अपनी सासु मां कुंती देवी के साथ झरिया से भाजपा की प्रत्याशी रागिनी सिंह अपने लाव लश्कर के साथ सीधे धनबाद जेल गेट पहुंची. इस दौरान उन्होंने संजीव सिंह के जेल से बाहर आने का इन्तजार किया. करीब आधे घंटे बाद संजीव सिंह पुलिस अभिरक्षा में जेल से बाहर आए. उनके समर्थक पहले से ही जेल गेट के सामने उनका फूल मालो और ढोल-नगाड़ों के साथ इन्तजार कर रहे थे. इसके बाद संजीव अपनी माता कुंती देवी से मिले इसके बाद वो अपनी पत्नी भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह से मिले.
वो दोनों एक लंबे अरसे के बाद शायद मिल रहे थे. मिलन की खुशी संजीव और रागिनी दोनों के चेहरों पर प्रत्यक्ष हो रहा था. इसके बाद दोनों एक साथ 41 झरिया विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता अनिल कुमार के कार्यालय पहुंचे और दोनों ने झरिया सीट से ही अपना अपना पर्चा दाखिल किया. बता दें कि रागिनी सिंह ने झरिया सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दर्ज कराया है तो वही उनके पति संजीव सिंह जो नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के आरोप में पिछले ढाई वर्ष से जेल में बंद है, उन्होंने न्यायालय के रजामंदी पर झरिया सीट से ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल किया है.