दिल्ली: कोरोना वैक्सीन को लेकर पेरिस और ऑस्ट्रेलिया को थोड़ा झटका मिला है. फ्रेंच फार्मा कंपनी सनोफी की वैक्सीन साल के अंत तक के लिए टल गई है, तो वहीं ऑस्ट्रेलिया की वैक्सीन गलत एचआईवी पॉजिटिव रिजल्ट देने की वजह से रद्द कर दी गई है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस वैक्सीन की पांच करोड़ डोज बुक कराने की बात कही थी.
फ्रेंच कंपनी सनोफी और ब्रिटेन की बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनी जीएसके ने एक बयान में कहा कि उनकी वैक्सीन साल 2021 के अंत तक तैयार नहीं हो पाएगी. यह घोषणा ट्रायल के अंतिम परिणाम के बाद की गई है. परिणाम की माने तो यह टीका ज्यादा उम्र के मरीजों में कम इम्यून रिस्पॉन्स जेनरेट कर रहा था.
यही कारण है कि इस वैक्सीन की लॉन्चिंग को 2021 की आखिरी तिमाही तक टाल दिया गया है. वैक्सीन के अंतिम परिणामों से पता चलता है कि ये वैक्सीन ज्यादा उम्र के लोगों में कम रिस्पॉन्स क्रिएट करता है. इधर सनोफी के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट थॉमस ट्रायोंफे ने कहा कि हमने आगे का रास्ता पहचान लिया है.
उन्होंने आगे कहा कि कोई भी फार्मा कंपनी पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन नहीं बना सकती है, दुनिया को एक से ज्यादा वैक्सीन की जरूरत रहेगी. वहीं जीएसके के अध्यक्ष रोजर कोनर का कहना है कि परीक्षण के परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे हैं लेकिन हम असरदार वैक्सीन बनाएंगे, ये तय है.
अब तक स्पूतनिक-5, फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन ने 90 फीसदी से ज्यादा असरदार होने का दावा किया है. स्पूतनिक-5 का रूस में और फाइजर का ब्रिटेन में इस्तेमाल शुरू हो चुका है. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ने 70 फीसदी ही असरदार होने का दावा किया है.