चतरा: चतरा जिले के टंडवा प्रखंड वासियों को झारखंड सरकार एवं चतरा जिला प्रशासन ने बड़ी सौगात दी है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुबर्न मिशन के तीसरे चरण के तहत चयनित टंडवा कोयलांचल क्षेत्र के सराढू क्लस्टर के अंतर्गत आने वाले छह पंचायतों के 28 गांवो में शहरी सुख-सुविधाओं के साथ-साथ सभी को रोजगार के साधन मिलेंगे.
जिला प्रशासन ने इन गांवों को विकसित एवं सुदृढ करने के लिए कुल 31 प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा था, जिसमें से 11 प्रस्तावों पर सरकार ने अपनी स्वीकृती प्रदान कर दी है. इन गांवों में 1 अरब 2 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है. जिसमें से अब तक 19.3 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. इस कार्य के नोडल पदाधिकारी उप-विकास आयुक्त मुरली मनोहर प्रसाद हैं.
उक्त जानकारी उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने रुबर्न मिशन के चतुर्थ वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से आज मीडिया को दी है. गौरतलब है, कि 21 फरवरी 2016 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुबर्न मिशन, जिसे राष्ट्रीय रुबर्न मिशन के नाम से भी जाना जाता है, इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राजनंद गांव छत्तीसगढ़ से किया था.
उपायुक्त ने रुबर्न मिशन के उदेश्यों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रथम चरण में 300 ऐसे गांवों का क्लस्टर स्थापित करना है, जिसमें शहरी सुविधाओं का समावेश ग्रामीण जन-जीवन के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए रुबर्न क्लस्टर के रूप में विकसित करना है.
ज्ञात हो कि झारखंड प्रदेश में फेज तीन में कुल 15 क्लस्टर का चयन किया गया है, जिसमें से एक टंडवा प्रखंड का सराढू क्लस्टर भी शामिल है. जिसके तहत इस क्लस्टर में टंडवा, साराढू, गाड़ीलौंग, कबरा-कोयद एंव कसियाडीह पंचायत आते हैं. भारत सरकार ने जिला प्रशासन के द्वारा समेकित क्लस्टर कार्य योजनाओं को अनुमोदन प्राप्त हो चुका है.