दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर फिर से बनाने की मांग को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने कहा है कि हम धरती पर मौजूद हर किसी की भावनाओं का सम्मान करते है. लेकिन उसी जगह फिर से मन्दिर नहीं बनाया जा सकता. मंदिर के लिए कोई बेहतर जगह तलाशे, वन भूमि नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी याचिकाकर्ता एक साथ मिलकर एक बैठक करें. मंदिर के पुननिर्माण को लेकर एक संभव निर्णय लें.
इससे पहले दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने तुगलकाबाद स्थित संत रविदास मंदिर तोड़े जाने के मामले में डीडीए (DDA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की थी. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने सुप्रीम कोर्ट में मंदिर के पुननिर्माण के लिए याचिका दायर की थी. मंदिर फिर से बनाने की मांग करने वाली इस याचिका में कहा गया है कि पूजा का कर संवैधानिक अधिकार है. हमारा संविधान हमें धर्म के प्रचार प्रसार की स्वतंत्रता भी देता है. मंदिर का फिर से निर्माण कर मूर्ति की स्थापना की जानी चाहिए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए ने 10 अगस्त को संत गुरु रविदास के मंदिर को तोड़ दिया था.जिसके बाद उनके अनुयायियों ने कोहराम मचा दिया था। लाठी-डंडों से लैस अनुयायी मंदिर तोड़ने का विरोध कर रहे थे. उस समय पुलिस ने 96 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर भी शामिल थे. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार की भी खूब आलोचना हुई.