नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट राफेल और राहुल गांधी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ बयान को लेकर दायर अवमानना याचिका पर भी फैसला ले लिया है.
उल्लेखनीय है कि पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच ने मामले में दाखिल रिव्यू पिटिशन पर 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा व अन्य की ओर से राफेल डील मामले में SIT जांच की मांग की गई.
वहीं केंद्र सरकार ने कहा कि राफेल देश की जरूरत है और याचिका खारिज करने की मांग की.
बता दें कि राफ़ेल मामले की जांच की याचिका 14 दिसंबर 2018 को खारिज हो गई थी. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने मामले में रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी.
राफेल खरीद प्रक्रिया और इंडियन ऑफसेट पार्टनर के चुनाव में सरकार द्वारा भारतीय कंपनी को फेवर किए जाने के आरोपों की जांच की गुहार लगाने वाली तमाम याचिकाओं को 14 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फैसले लेने की प्रक्रिया में कहीं भी कोई संदेह की गुंजाइश नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में केस दर्ज कर कोर्ट की निगरानी में जांच की गुहार खारिज कर दी थी.
आरोप लगाया गया था कि 58000 करोड़ की डील में अनियनितताएं हुई हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि इस मामले में दाखिल याचिका में तीन मुख्य मुद्दा उठाए गए थे.
इसमें फैसला लेने की प्रक्रिया, इंडियन ऑफसेट पार्टनर के चुनाव और कीमत का मुद्दा था.
अदालत ने कहा था कि जो तथ्य और दलील सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया गया है उसे डिटेल में सुना गया है और 36 राफेल डील के मामले में ऐसा कोई आधार नहीं है कि कोर्ट उसमें दखल दे.
ऐसे में तमाम अर्जी खारिज की जाती है. 36 राफेल डील की खरीद का मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें दखल का कोई आधार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट राफेल डील केस को लेकर लगी पुनर्विचार याचिका के साथ ही लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा 10 अप्रैल को दिए गए विवादित नारे ‘चौकीदार चोर है’ पर भी अपना निर्णय सुनाएगा.
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी द्वारा दिए गए इस विवादित बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका लगाई थी.
राफेल डील के साथ ही इस अवमानना याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला देगा.
अवमानना याचिका दायर किए जाने के बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर बिना शर्त माफी मांगी थी.
राहुल गांधी ने राफेल से जुड़े शीर्ष कोर्ट के आदेश को पीएम मोदी के खिलाफ लगाए गए ‘चौकीदार चोर है’ के स्लोगन से भी जोड़ा था.