कुकुरमुते की तरह खुले है नर्सिंग होम
बिचौलिए के चक्कर मे आकर गरीबों का होता है आर्थिक दोहन, जान पर आफत बना झोलाछाप डॉक्टर
कार्रवाई के बावजूद, सील किया नर्सिंग होम, राजनीतिक पहुंच से खुल जाते है: चिकित्सा प्रभारी
बरकट्ठा: इन दिनों प्रखंड मुख्यालय में झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी है.गरीबो की जान से खेलने वाले झोला छाप डॉक्टर बेखौफ होकर अपना निजी क्लिनिक व नर्सिंग होम चला रहे है. इन झोलाछाप डॉक्टरों ने कईयों की जान ली मामले भी दर्ज हुए लेकिन राजनीतिक पहुंच के आगे सब बौने पड़ गए.
इधर बाजार रोड स्थित अवैध रूप से संचालित शांति सेवा सदन में एक प्रसूता के परिजन को धोखा में रखकर नार्मल डिलीवरी के बजाय बड़ा ऑपेरशन कर दिया गया. जानकारी के अनुसार शातिर झोलाझाप डॉक्टर ने परिजन को डरा कर प्रसूता के पेट फाड़, जान आफत में दाल दी.
मामला प्रकाश में आने के बाद आनन फानन मे चिकित्सक ने पेसेंट को सीरियस कहकर बाहर ले जाने को कहकर फरार हो गया. उल्लेखनीय है कि पीड़ित अपने बेटी की व बच्चे की जान बचाने को लेकर हजारीबाग के प्रसिद्ध निजी अस्पताल आरोग्यम पहुंचे, जहां चिकित्सक के लाख प्रयास के बावजूद नवजात को नहीं बचा पाए.
वहीं बच्चे की मां गंभीर अवस्था मे इलाजरत है. सदमे से प्रसूता गजला परवीन की हालत गंभीर बनी हुई है. मामला विगत 27 अगस्त की है. मामले को लेकर प्रसूता के चाचा असमत अली ने बरकट्ठा थाना में आवेदन दिया गया. दो दिन बाद थाना कांड संख्या 145/2020 भादवि0 420,337,338,326 के तहत प्राथमिकी दर्ज किया गया.
ज्ञात हो कि इससे पहले भी शांति सेवा सदन के चिकित्सक पीताम्बर सिंह पर मामले दर्ज हुई थी. पूर्व में में भी नाम बदल बदल कर नर्सिंग होम चलाया गया.अब फिर शातिर झोलाछाप डॉक्टर पीतांबर सिंह नाम बदलकर शांति सेवा सदन के नाम से निजी अस्पताल चला रहे है.
निजी अस्पताल के सामने शांति सेवा सदन के नाम से बड़ा सा बैनर लगा है. जहां हर प्रकार का सर्जरी व 24 घण्टे सेवा उपलब्ध है. यह गौरख धंधा कई वर्षो से चल रहा है. कई बार मामले दब गए, कई बार उजागर, पर राजनीतिक पहुंच के आगे सब फीका पड़ गया.
चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि इस तरह का अवैध नर्सिंग होम चलना अपराध है. उन्होंने कहा कि हमने पहले भी कार्रवाई कर अन्य नाम से संचालित नर्सिंग होम को सील किया था, पर राजनीतिक पैरवी से पुनः खोल दिये जाते है.
उन्होंने कहा कि हमने एक फर्जी चिकित्सक एसके मल्लिक पर भी प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. हम कार्रवाई करते है, पर राजनीतिक दबाव में लाचार है. यदि समय रहते इन कुकुरमुते की तरह चल रहे अवैध नर्सिंग होम व झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाला समय मे इसी तरह गरीब की जान जाती रहेगी.अब लोगों को इस बात का इंतजार रहेगा कि गरीब आर्थिक दोहन से बच पाएंगे या शोषित होते रहेंगे.