बेंगलुरु: कर्नाटक विधान परिषद में मंगलवार सुबह हाथापाई का अजब आलम देखने को मिला. जबरन विधान परिषद सभापति को उनकी कुर्सी से खींचकर हटा दिया. ये एमएलसी आरोप लगा रहे थे कि बीजेपी और जेडीएस ने मिलकर अवैध तरीकों से अध्यक्ष को कुर्सी पर बैठाया है. इस हंगामे के बाद विधान परिषद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
हंगामे के बाद कांग्रेस एमएलसी प्रकाश राठौड ने कहा, ‘जब सदन नहीं चल रहा था उस समय बीजेपी और जेडीएस ने अवैधानिक तरीकों से सभापति को कुर्सी पर बैठाया. दुर्भाग्य से बीजेपी ऐसे असंवैधानिक काम कर रही है. कांग्रेस ने सभापति से हटने को कहा. चूंकि वह अवैध रूप से कुर्सी पर बैठे थे इसलिए हमें उन्हें वहां से हटाना पड़ा.’
हालांकि, बीजेपी सदस्यों द्वारा पूर्व में पारित किए गए अविश्वास प्रस्ताव की आवश्यकता पर बहस जारी रही. इस दौरान कांग्रेस एमएलसी को जबरन उपाध्यक्ष को हटाते हुए देखा गया. इस घटना के बाद शेट्टी ने सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
सभी दलों के विधायक अब अगले कदम के लिए अलग से विचार-विमर्श कर रहे हैं. दूसरी ओर सदन में मंगलवार को हुए हंगामे की वजह से विवादास्पद गो-वध विधेयक अभी भी अटका हुआ है. इस हंगामे पर कांग्रेस एमएलसी प्रकाश राठौड़ ने कहा कि जब सदन ऑर्डर में ही नहीं था तब बीजेपी और जेडीएस ने अध्यक्ष को गैरकानूनी तरीके से चेयरमैन बना दिया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीजेपी इस तरह की असंवैधानिक काम कर रही है. कांग्रेस ने उन्हें चेयर से नीचे उतरने को कहा. हमें उन्हें वहां से बेदखल करना पड़ा क्योंकि यह अवैध था.
वहीं बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया कि कुछ विधायकों ने गुंडों की तरह व्यवहार किया. भाजपा एमएलसी लेहर सिंह सिरोया ने कहा, ‘कुछ MLC ने विधान परिषद के उपाध्यक्ष को जबरन हटाकर गुंडों की तरह व्यवहार किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया. हमने अपने परिषद के इतिहास में ऐसा शर्मनाक दिन कभी नहीं देखा. मुझे शर्म आ रही है कि जनता हमारे बारे में क्या सोचेगी.’