जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद सुरक्षा बलों की ओर से बनाए गए दबाव के चलते ज्यादातर आतंकियों ने पहाड़ों पर सुरक्षित स्थानों पर पनाह ले ली है. अब इन दहशतगर्दों को घेरने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से पहाड़ों पर घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) चलाने की तैयारी है.
डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि त्राल में दो गुज्जरों की हत्या के बाद अब पहाड़ों पर आतंकियों को घेरने की योजना बनाई गई है. हकीकत पता चलने पर अब लोगों ने अपने घरों में इन्हें पनाह देना बंद कर दिया है. इस वजह से आतंकियों ने भागकर पहाड़ों पर सुरक्षित ठिकाना तलाश लिया है.
अनुच्छेद 370 की समाप्ति के साथ ही पूरी घाटी में सुरक्षा बलों ने जबर्दस्त दबाव बना रखा है. ऐसे में छिटपुट आतंकी घटनाओं को छोड़कर कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. घाटी में कहीं भी सुरक्षा बलों पर हमले को अंजाम नहीं दिया जा सका है. श्रीनगर के पारिमपोरा में एक दुकानदार व त्राल में दो गुज्जरों की हत्या के साथ सोपोर के डांगरपोरा में घर में घुसकर एक परिवार पर हमले की घटना के अलावा पिछले पांच अगस्त से कोई आतंकी वारदात नहीं हुई. दक्षिणी, उत्तरी तथा मध्य कश्मीर में सब कुछ सामान्य रहा. दक्षिणी कश्मीर के चारों जिले अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां तथा कुलगाम आतंकवाद की दृष्टि से काफी संवेदनशील माने जाते रहे हैं, लेकिन इन चारों जिलों में भी आतंकी घटनाएं नहीं हुई. उत्तरी कश्मीर से घुसपैठ की कोशिशें लगातार नाकाम की गई.
डीजीपी का कहना है कि सुरक्षा बलों के दबाव के चलते पहाड़ों पर भागे आतंकियों की तलाश के लिए जंगलों में सर्च आपरेशन चलाया जाएगा. इसमें हेलीकाप्टर की भी मदद ली जाएगी ताकि आतंकियों के ठिकाने का पता चल सके. सभी प्रकार के अत्याधुनिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा. योजना है कि जंगलों में ही इन आतंकियों को घेरकर उनका सफाया किया जाए. इसके लिए पुलिस के साथ ही अन्य सुरक्षा बलों के बीच बेहतर तालमेल के साथ आपरेशन को अंजाम दिया जाएगा.
450 से अधिक आतंकियों की मौजूदगी की सूचना
घाटी में 230 पाकिस्तानी आतंकियों के साथ ही 450 से अधिक आतंकियों की मौजूदगी की सूचना है. उत्तरी कश्मीर में ज्यादातर पाकिस्तानी आतंकियों की मौजूदगी है. दक्षिणी कश्मीर में भी लश्कर ए तैयबा तथा जैश ए मोहम्मद की कमान पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ है. हिजबुल से जुड़े आतंकी अधिक संख्या में दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय हैं जिनमें ज्यादातर स्थानीय हैं.