ज्योत्सना,
खूंटी: खूंटी के करम अखड़ा में झारखण्ड सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के तहत सात दिवसीय सांस्कृतिक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में अलग अलग गांवों के मुंडा समुदाय के पारंपरिक नृत्य समूहों ने अपनी सांस्कृतिक कला का प्रदर्शन किया.
मुंडा सांस्कृतिक परंपरा की वेशभूषा में सुसज्जित मुंडा जनजातीय महिला और पुरुषों ने सामूहिक रूप से नृत्य कला का प्रदर्शन किया. ढोल, नगाड़ों और बांसुरी की धुन पर मुंडा आदिवासी एक साथ एक लय और एक सुर में नृत्य करते आकर्षक लग रहे थे. भारतीय लोक कल्याण संस्थान के सचिव चंद्रदेव सिंह ने बताया कि सात दिनों तक चलने वाले नृत्य कला कार्यशाला के द्वारा बेहतर प्रदर्शन करने वाले नृत्य मंडली को आगामी 17 मार्च को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में शामिल किया जाएगा.
राज्य स्तर पर होनेवाली प्रतियोगिता में संथाल, हो, मुंडा, उरांव, नागपुरी समेत विभिन्न भाषा संस्कृति के लोगों को अपनी सांस्कृतिक कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा. उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नृत्य मंडलियों क झारखण्ड सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा.
नृत्य कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों ने बताया कि इस तरह के सांस्कृतिक कार्यशाला के आयोजन से लुप्त होती जा रही जनजातीय संस्कृति को बड़ा मंच मिलेगा और जनजातीय संस्कृति को आगे बढ़ने का अवसर भी मिलेगा. नई पीढ़ी को भी जनजातीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा और प्रकृति के साथ जुड़ाव के विभिन्न पहलुओं के बारे सीखने और समझने को मौका मिलेगा.