मुंबईः महाराष्ट्र की सरकार में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दखल से शिवसैनिक नाराज हैं. उन्होंने नाराजगी खुलकर व्यक्त करनी शुरू कर दी है.
सरकार बनने के एक महीने बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था, जिसके बाद हर तरफ नाराजगी के स्वर उठने लगे.
खासतौर पर शिवसेना के नाराज विधायकों को समझाना उद्धव के लिए समस्या है. खबर है कि इन विधायकों ने उद्धव से मिलने का समय मांगा है.
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में शरद पवार के हस्तक्षेप ने शिव सैनिकों को खास तौर पर नाराज किया.
उनमें इस बात की भी नाराजगी है कि पवार ने अपनी जोड़ तोड़ की ताकत से अहम मंत्रालय एनसीपी नेताओं को दिला दिए.
शिवसेना सांसद संजय राउत की नाराजी पहले ही सामने आ चुकी है. अब प्रताप सरनाईक, भास्कर जाधव और भावना गवली भी खुल कर बोल रहे हैं.
महाराष्ट्र में 44 विधायकों वाली कांग्रेस किसी विधायक की नाराजगी का खतरा नहीं लेना चाहती है. विधायक समर्थकों के बगावती तेवर के बावजूद उनपर कार्रवाई नहीं की जा रही है.
पुणे में पार्टी कार्यालय में हुई तोड़फोड़ को लेकर शीर्ष नेतृत्व चिंतित है. दरअसल संग्राम थोपटे को मंत्री बनाने की हरी झंडी के बाद अंतिम समय में उनका नाम काटकर अन्य क्षेत्र के विधायक को कांग्रेस कोटे से मंत्री बना दिया गया.
इसको लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. कांग्रेस नहीं चाहती कि एनसीपी या पवार परिवार को नाराज किया जाए.
विधायक संग्राम थोपटे के तोड़फोड़ करने वाले समर्थकों की पहचान होने के बावजूद कार्रवाई के बजाय थोपटे को बातचीत से उन्हें मनाने को कहा गया है.
कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट को इस काम में लगाया है. दरअसल महाराष्ट्र की स्थानीय राजनीति में एनसीपी और अजित पवार अपने गढ़ पुणे में कांग्रेस के किसी दमदार नेता को महत्वपूर्ण भूमिका में नहीं देखना चाहते.
अजित पवार की पहचान पुणे और आसपास के इलाके से है. ऐसे में थोपटे के मंत्री बनाए जाने पर स्थानीय राजनीति में एक और क्षत्रप तैयार होता.