नई दिल्ली: देश में कोरोना की वजह से बहुत कुछ बदल रहा है. राज्य और केंद्र अपने राजस्व में आई कटौती के बाद नए-नए फार्मूले पर एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. इसी के तहत अब राजस्व की कमी से जूझ रही यूपी सरकार ने युवाओं को बड़ा झटका दिया है. योगी सरकार ने एक ऐसे प्रस्ताव को लाने की तैयारी कर रही है. जिसमें तहत प्रदेश में भर्ती होने वाले युवाओं को अब पहले पांच साल संविदा पर काम करना होगा. जिसके बाद उनकी एक परीक्षा होगी और उसमें पास होने के बाद ही वह परमानेंट कर्मचारी बन पाएंगे.
नए प्रस्ताव पर हो रहा विचार
बता दें यूपी सरकार ने अपनी सभी विभागों से एक प्रस्ताव पर चर्चा करने को कहा है. जिसमें तहत उत्तरप्रदेश मे सरकारी नौकरियों में अब भर्ती होने वाले ग्रुप B और C के कर्मचारियों को परीक्षा पास करने के बाद पहले 5 साल के लिए संविदा पर रखा जाएगा. संविदा के दौरान इन कर्मचारियों की नियमित कर्मचारियों जितनी तनख्वाह और लाभ नहीं मिलेंगे. इसके बाद विभाग हर माह में कर्मचारी का मूल्यांकन करेगा. जिसमें उसे 60 फीसद अंक लाना होगा. इसका मूल्यांकन उनके अधिकारी करेंगे. यह प्रकिया 5 साल तक चलेगी इसमें अगर कोई कर्मचारी असफल रहा तो उसे नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा.
क्या कहती है सरकार
बता दें सरकार का कहना है कि वह ऐसा इसलिए करना चाहती है ताकि इससे कर्मचार्रियों की दक्षता को बढ़ाया जा सके. इसके अलावा साथ ही नैतिकता देशभक्ति और कर्तव्यपरायणता के मूल्यों का विकास होगा. वहीं इससे इतर सरकार पर वेतन का खर्च भी कम होगा क्योंकि शुरु में संविदा पर इन कर्मचारियों को परमानेंट लोगों के बराबर पैसा नहीं मिलेगा.
अभी क्या है व्यवस्था
गौरतलब है कि अभी मौजूदा व्यवस्था के हिसाब से अलग-अलग विभागों में सरकारी कर्मचारियों को 1-2 साल तक प्रोबेशन पीरियड पर रखा जाता है. तब तक इन लोगों को परमानेंट सरकारी कर्मचारी के बराबर की सभी योजनाओं का लाभ दिया जाता है. यह लोग अपने अधिकारी की देख-रेख में काम करते हैं.