सिमडेगा: नए वर्ष के उत्साह और उमंग में सारे जहां के लोग मदमस्त थे,वहीं सिमडेगा जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर ठेठईटांगर प्रखण्ड के कोनबेगी गांव के नन्हे मुन्ने खिलाड़ी इन सब से दूर श्रमदान कर खुद से मैदान बनाने में व्यस्त थे.
इस गांव में बहुत बच्चे हैं जो खेल से अपनी जिन्दगी बनाना चाहते है पर यहां इनके लिए खेलने का कोई मैदान नहीं था. सभी जमीन सिर्फ खेती वाली ही थी, गांव के ही सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कोनबेगी के द्वारा हर वर्ष स्वतन्त्रता दिवस एवम गणतन्त्र दिवस पर खेलकूद कराया जाता है पर इन्हें ट्रेनिग देने के लिए कोई उचित मैदान नहीं था, पर बच्चे खेलना चाहते हैं. बच्चों की जिज्ञासा को देखकर गांव के वार्ड पार्षद सुरेश टेटे ने अपनी खेती वाली निजी जमीन को खेलने देने के लिए तैयार हो गए, बच्चे भी अन्य जगहों में श्रमदान कर मैदान बनाने की खबर को पढ़कर उत्साहित थे और आज अहले सुबह 35-40बच्चे जमा हुए और देखते ही देखते श्रमदान कर मैदान का रूप दे दिया.
बच्चों की मदद हॉकी सिमडेगा के मनोज कोनबेगी, वार्ड पार्षद सुरेश टेटे, लीलचन्द बड़ाईक, गणेश बड़ाईक, निकोलस बड़ा, सूरज बड़ाईक इत्यादि ने की.
अब इन्हें सालों भर हॉकी की बारीकी सिखलायी जाएगी. जमीन को समतल कर मैदान घास इत्यादि की सफाई करने के बाद लीलचन्द बड़ाईक एवं सुरेश टेटे ने नारियल फोड़कर मैदान, बांस से बनी स्टिक एवं हॉकी बॉल की पूजा की. अंत में बच्चों को खेलने के लिए हॉकी बाल और मिठाई दी गयी. अब यहां प्रतिदिन हॉकी की ट्रेनिंग दी जाएगी.