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सुरक्षा के मद्देनजर सभी करें सहयोग- नैंसी सहाय
देवघर: देवघर की नैंसी सहाय की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में श्रावणी मेला, 2020 के न होने के स्थिति से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी.
इस दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि भारत सरकार व राज्य सरकार के आदेशानुसार वर्तमान में किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी गयी है. ऐसे में श्रावणी मेला के आयोजन न होने की स्थिति में विधि-व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था को और भी सुदृढ़ करने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है.
इसको लेकर मंदिर व इसके आस-पास के क्षेत्रो में श्रद्धालुओं के गतिविधियों से संबंधित प्राप्त सूचना के आलोक में मंदिर व आस-पास के क्षेत्रों के समीप 05 चेक पोस्टों पर दण्डाधिकारी एवं सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है.
आवश्यकतानुसार इनकी संख्या और भी बढ़ायी जायेगी, ताकि कोई भी बाहरी वाहन या बाहर से पूजा-पाठ करने के लिए किसी श्रद्धालु को मंदिर परिसर के आस-पास न जाने दिया जाय. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार के निदेशानुसार आगामी 30 जून, 2020 तक मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्णतः निषिद्ध है.
ऐसे में बाबा मंदिर के आस-पास श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित ना होने पाए एवं कोरोना संक्रमण के संभावित प्रसार के रोकथाम हेतु विभिन्न स्थानों पर ड्रॉपगेट बैरियर लगाकर पालीवार दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति तीन पालियों में की गई है, ताकि लोगों को मंदिर व शिवगंगा के आस-पास इक्कठा होने से रोका जा सके.
इसके अलावा बैठक के दौरान उपायुक्त नैंन्सी सहाय जानकारी दी गयी कि आने वाले समय जिलावासियों की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा का इंतजाम किया जायेगा, जिसके माध्यम से बड़े वाहनों को शहर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जायेगी. इसके अलावे झारखण्ड के दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों को बाहर से बाहर ही उनके गंतव्य स्थान तक भेजा जायेगा.
साथ हीं तीसरी कड़ी मंदिर व आस-पास के क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत बनाया जायेगा. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण में जिलावासियों ने अब तक जिस प्रकार जिला प्रशासन का सहयोग किया है को वाकई काबिले तारीफ है और हमंे आगे भी पूर्ण भरोसा है कि इनका सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा.
बैठक के क्रम में पंडा धर्मरक्षिणी के अध्यक्ष व महामंत्री द्वारा श्रावणी मेला न होने की बात अपनी सहमति दर्ज करते हुए कहा कि पंडा समाज अपने स्तर से जिला प्रशासन का हर संभव सहयोग के साथ अपने जजमानों को भी इस वर्ष बाबा नगरी न आने की अपील करेंगे.