लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के एमएसएमई वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संकट के इस वैश्विक आपदाकाल में हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व है. जिनके दूरदर्शी एवं त्वरित निर्णय के कारण पूरे विश्व की तुलना में भारत सबसे कम प्रभावित देशों में शामिल हैं.
आज हम आर्थिक, सामाजिक विकास की हर कड़ी को आगे लेकर बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों में कोरोना के बीच समस्याओं का समाधान तलाशा है. समाज के अंतिम पायदान तक खड़े लोगों तक जरूरत की पूरी सहायता पहुंचाई है.
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भी मौजूद रहे. प्रस्तावना सिद्धार्थनाथ सिंह ने रखी. संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने किया.
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 26 मार्च को घोषित 1.70 लाख करोड़ के गरीब कल्याण पैकेज के कारण यूपी में 87 लाख निराश्रितों को पेंशन दी गयी. 1.56 लाख परिवारों को उज्जवला के तहत गैस सिलेंडर दिया गया है. मनरेगा की मजदूरी को 202 रुपये करके मजदूरों को इस संकट काल में सहारा दिया है.
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में 20 लाख करोड़ का पैकेज घेषित किया. लोकल को वोकल बनाने एवं लोकल के लिए वोकल बनने का देश से आह्वान किया. देश ने आत्मनिर्भर भारत के पहले चरण में ही देश के अंदर तीन महीने में 4.5 लाख पीपीई किट का उत्पादन करना आरंभ कर दिया, जबकि कोरोना महामारी से पूर्व भारत में पीपीई किट का उत्पादन नहीं होता था.
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर अभियान के तहत आज उत्तर प्रदेश विकास की नई राह पर दौड़ने को तैयार है. कोरोना संकट के दौर में लॉकडाउन के दौरान ही अपने प्रदेश ने न केवल पीपीई किट बनाने की ओर कदम बढ़ाए बल्कि सेनेटाइजर के उत्पादन में नई छलांग लगाई है. देश के 28 राज्यों और कई देशों तक प्रदेश से सेनेटाइजर भेजा गया है. राज्य के अंदर पंचायतों, निगमों, स्कूलों, जिलों को मुफ्त में सरकार ने उपलब्ध कराया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय पूरे देश की तुलना में सबसे अधिक थी, लेकिन बाद में यह प्रदेश सबसे पीछे हो गया. कारण स्पष्ट था कि प्रदेश के लघु एवं मध्यम उद्योगों को तबाह किया गया. प्रदेश के हर जिले में उसका एक उद्योग था जिसमें उस जिले को महारत थी.
प्रदेश को प्रकृति ने भरपूर उर्वरा जमीन, प्रचुर जल ससांधन दिया है. योगी ने कहा कि 2017 के चुनाव में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कहा था कि सत्ता में आने के बाद भाजपा परंपरागत उद्योगों को गति देगी. सरकार बनने के बाद हमने सबसे पहले हर जिले की मैपिंग कराई. ज्ञात हुआ कि प्रदेश के 75 में से 57 जिलों के अपने उत्पाद हैं. वहां के लोगों ने अपने दम पर उद्योगों की कलस्टर बनाकर रक्षा की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एग्रीकल्चर के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. यहां के उद्यमी बेयर हाऊस, कोल्ड स्टोरेज आदि बनाकर इस क्षेत्र में उपलब्धियांं को हासिल कर सकते हैं जिसके लिए प्रदेश सरकार सहायता दे रही है.
आज प्रदेश में ओडीओपी के तहत पीलीभीत से बांसुरी, अमरोहा से ढोलक, मेरठ से स्पोर्टस सामान पूरे विश्व में जाता है. प्रदेश में ओडीओपी के कारण प्रदेश की एक्सपेर्ट क्षमता इस साल 28 प्रतिशत बढ़ी है. जिसमें 80 फीसदी हिस्सा केवल एक जिला एक उत्पाद का है.
पैकेजिंग, ब्रांडिग के माध्यम से प्रदेश इसे आगे लेकर बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज के आने के बाद ही प्रदेश पहला राज्य बना, जिसने 2002 करोड़ रुपये एमएसएमई उद्योगों को दिया. एमएसएमई एप के माध्यम से हम लोगों की समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं.
योगी ने कहा कि अयोध्या में जब सरकार ने पहला दीपोत्सव किया तब 51000 दीप पूरे प्रदेश से मंगाने पड़े, लेकिन माटी कला बोर्ड के द्वारा कुम्हारों को बिजली चालित चाक देने के बाद पिछले दीपोत्सव में केवल अयोध्या से ही 5.51 लाख दीपक सरकार को मिल गए. यह आत्मनिर्भर प्रदेश की एक झलक है.