2020-21 के लिए झारखंड का कुल बजट 86 हजार 370 करोड़ रुपये का था
इसमें से 48924.96 करोड़ विभिन्न विभागों के विकास योजनाओं पर खर्च करने का किया गया प्रावधान
अब तक लगभग 1900 करोड़ ही खर्च हो पाए हैं
रांचीः वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए झारखंड का कुल बजट 86 हजार 370 करोड़ रुपये का था. इसमें से 48924.96 करोड़ विभिन्न विभागों के विकास योजनाओं पर खर्च करने का प्रावधान किया गया था. मगर कोरोना काल के कारण अब तक लगभग 1900 करोड़ ही खर्च हो पाये हैं। इसमें सबसे आगे शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास है. नये वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 3 मार्च को विधानसभा में नया बजट पेश किया जाना है। उत्पाद, खेल एवं कला संस्कृति, माइंस सहित सरकार के कई ऐसे विभाग हैं, जिसमें अबतक 10 फीसदी से भी कम खर्च हुए हैं. राज्य का सबसे महत्वपूर्ण विभाग माइंस के भूगर्भ निदेशालय को आवंटित 18 करोड़ में से मात्र 1.5 करोड़ रुपये ही खर्च हुए.
उत्पाद, खेल एवं कला संस्कृति, माइंस सहित सरकार के कई ऐसे विभाग हैं, जिसमें अबतक 10 फीसदी से भी कम खर्च हुए हैं. हालत यह है कि राज्य का सबसे महत्वपूर्ण विभाग माइंस के भूगर्भ निदेशालय को आवंटित 18 करोड़ में से मात्र 1.5 करोड़ रुपये ही खर्च हुए.
हालांकि सर्वाधिक खर्च स्वास्थ्य विभाग में 60 प्रतिशत, ग्रामीण विकास में 54 प्रतिशत अबतक हुआ है. मगर खेल एवं कला संस्कृति में 5%, परिवहन विभाग में 4.9% खर्च हुए हैं.
विभागवार विकास योजनाओं पर हुए खर्च
स्कूली शिक्षा- 5410.55 करोड़ रुपये आवंटन में से 2260 करोड़ खर्च
स्वास्थ्य विभाग- 3022.89 करोड़ में से 1813.31 करोड़ रुपये खर्च
उत्पाद विभाग- 10 करोड़ में से मात्र 1 करोड़ खर्च
कृषि विभाग- 3362.78 करोड़ में से 171.09 करोड़ खर्च
ग्रामीण विकास- 10744.71 करोड़ रुपये आवंटन में से 5443.38 करोड़ खर्च