इस वर्ष श्री गंगा दशहरा का पर्व 1 जून 2020 दिन सोमवार को संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाएगा गंगा दशहरा प्रत्येक वर्ष जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है .
आज के पर्व पर शुभ मुहूर्त
क्योंकि आज प्रातः काल में 7:07 से 8:51 तक राहुकाल रहने वाला है इसलिए इस समय से बचना चाहिए इससे अतिरिक्त पूरा समय दोपहर 2:59 तक शुभ योग रहेगा इसी शुभ समय में हमें स्नान एवं पूजा करनी चाहिए .
आज के इस पर्व पर हमें भगवान शिव एवं उनके परम भक्त भगीरथ उनके साथ हिमालय महाराज का पूजन करना चाहिए तत्पश्चात मां गंगा का विधिवत पूजन करें साथ ही संभव हो सके तो भगवान विष्णु अर्थात सत्यनारायण भगवान की कथा श्रवण हो तो अति उत्तम रहेगा.
आज के इस पूजन में अक्षत, चंदन ,धूप, दीप ,फल ,फूल ,मेवा, मिष्ठान ,पंचामृत, इत्र ,पान ,लाल वस्त्र होनी ही चाहिए और संभव हो तो प्रत्येक वस्तु 10 की संख्या में रहे .
माता गंगा तीनों लोको की पूजनीय है सभी दुखों को दूर करने वाली सभी रोगों को नाश करने वाली सबकी सुख शांति समृद्धि देने वाली हैं साथ ही हमारे सभी पितरों को मोक्ष प्रदायिनी हैं इसीलिए मां को कहा गया है.
गंग सकल मृद मंगल मूला
सब सुख करन हरन सब सूला
श्री गंगा दशहरा का पुराणों के अनुसार जो महत्व है
कहा जाता है माता गंगा ब्रह्मलोक में ब्रह्मा जी के यहां पूर्ण रूप से व्यवस्थित थी राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों को तारने के लिए माता गंगा को पृथ्वी लोक पर लाने का संकल्प लिया और उसके लिए अपार तप किया था जिस दिन माता गंगा ब्रह्मलोक से इस पृथ्वी लोक पर अवतरित हुई वह दिन जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी साथ ही उस दिन दस योगो का भी संयोग पृथ्वी पर बना था जिस कारण से इस पर्व को दशहरा कहा जाता है.
स्कंद पुराण में उल्लेखित है कि आज के दिन माता गंगा के सानिध्य में स्नान एवं तप करने से अनेकों यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है साथ ही दस प्रकार के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है.
सामान्यता आज के दिन दान में जो भी कोई वस्तु दें यदि संभव हो तो उनकी संख्या दस हो तो अति उत्तम रहेगा सामान्यता दान में भोजन की वस्तु वस्त्र आदि दान करनी चाहिए और संभव हो सके तो मीठा या सादा जल परंतु वह शीतल हो ऐसे जल की प्याऊ लगवाकर प्यासे लोगों को जल पिलाना चाहिए.
परिस्थिति वश यदि गंगा स्नान ना हो सके तो गंगा जल को अपने घर के जल में मिलाकर स्नान करना चाहिए .