रांची:
पहली घटना:
रांची-खूंटी मार्ग पर शुक्रवार को जियारप्पा के उर्सलाइन कान्वेंट स्कूल के निकट यात्री बस और ट्रक के बीच टककर हो गयी. इसमें दो लोगों की मौत हो गई. कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. सभी घायलों को इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स में भर्त्ती कराया गया.
दुसरी घटना:
गुमला जिले के रायडीह थाना क्षेत्र स्थित माझा टोली गांव के समीप शुक्रवार की देर शाम सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई. दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया. दोनों युवक मोटरसाइकिल से गुमला लौट रहे थे, तभी एक स्कार्पियो से टकरा गए.
ये महज उदाहरण हैं. झारखंड में तेज रफ्तार कहर ढाह रही है. इससे जिंदगियां मौत के मुंह में समा रही है. सबसे अधिक मौत युवाओं की होती है.
क्या कहते हैं औसत आंकड़े
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय आकड़े बताते हैं कि झारखंड के विभिन्न जिलों हर रोज औसतन 15 सड़क दुर्घटनाएं होती है. इसमें करीब 10 लोगों की मौत प्रति दिन हो रही है. अधिक दुर्घटनाएं तेज रफ्तार की वजह से ही है.
हेलमेट से तौबा भी वजह
दोपहिया वाहन चालकों की सड़क दुर्घटना में मौत की एक वजह हेलमेट से तौबा करना भी है. खासकर युवा वर्ग इसके अधिक शिकार होते हैं. बाइक चलाते वक्ते युवा हेलमेट घर से लेकर निकलते हैं, पर पहनते नहीं हैं. उसे या तो हाथ में रखते हैं या बाइक पर ही टांगे रहते हैं. दुर्घटना के दौरान सिर पर चोट होने से उनकी मौत हो जाती है.
नशा में गाड़ी चलाना
नशा करके गाड़ी चलाना भी सड़क दुर्घटना में मौत की एक खास वजह है. आकड़े बताते इस बात के गवाह हैं. ऐसी दुर्घटना आम तौर पर रात में अधिक होती है.
लहेरिया कट भी वजह
युवा वर्ग का लहेरिया कट बाइक चलाना सड़क दुर्घटना के कारणों में एक है. दरअसल, बाइक चलाने वाला युवा एक तो तेज रफ्तार में होता है, दूसरा जिक-जैक करता हुआ पार होता है. इससे सड़क में चल रहे कई अन्य लोग भी दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.
ये है देश की स्थिति
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में हर रोज करीब 1400 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 400 लोग मारे जाते हैं. हादसों में मरने वालों में सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन सवार होते हैं. दूसरे नंबर पर ऑटो रिक्शा सवार लोग हैं.
भारत दूसरे नंबर पर
सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों के मामले में रूस विश्व में पहले नंबर पर है. यहां सालाना हर एक लाख लोगों में से 19 की जान सड़क हादसों की वजह से जा रही है. वहीं भारत दूसरे, अमेरिका तीसरे, फ्रांस चौथे और डेनमार्क पांचवे नंबर पर है.
वर्षवार सड़क दुर्घटना
वर्ष- मौत
2011- 5451
2012- 5711
2013- 5569
2014- 5201
2015- 5162
2016- 4932
2017- 5198
2018- 5394
(नोट : आंकड़े सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के हैं)
सड़क दुर्घटना में वर्षवार मौत
वर्ष- मौत
2011- 2572
2012- 2818
2013- 2706
2014- 2628
2015- 2093
2016- 3027
2017- 3256
2018- 3542
(नोट : आंकड़े सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के हैं)
”हेलमेट का पट्टा जरूर से लगाएं
चार पहिया वाहन वाले सीट बेल्ट लगाएं
गाड़ी चलाते समय मोबाइल से बात नहीं करें
ट्रैफिक नियम पर पूरी तरह पालन करें
अचानक नहीं मुंडे, गाड़ी का इंडीकेटर जलाएं
इंडीकेटर जलाने पर बाद से बंद करना नहीं भूले
एयरफोन लगाकर कभी गाड़ी नहीं चलाएं”