मुम्बई: सुशांत सिंह मामले में कई पहलू निकलकर सामने आ रहे हैं. हाल ही में रिया चक्रवर्ती ने मीडिया को इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने सुशांत के बारे में खुलासे किए. रिया चक्रवर्ती ने बताया कि जिसके लिए वह साइकेट्रिस्ट से इलाज भी करवा रहे हैं. रिया ने उस साइकेट्रिस्ट का नाम भी बताया. और कहा की सुशांत सिंह राजपूत काफी समय से मानसिक बीमारी और डिप्रेशन का शिकार थे.
सुशांत सिंह राजपूत का इलाज करने वाले साइकेट्रिस्ट का नाम केसरी चावड़ा है. रिया चक्रवर्ती के इंटरव्यू के बाद मीडिया ने केसरी चावड़ा से बात की और सुशांत सिंह राजपूत के स्वास्थ्य के बारे में सवाल किए. मीडिया के सवालों के दौरान केसरी चावड़ा ने कई हैरान कर देने वाले खुलासे किए. केसरी चावड़ा ने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत भयंकर डिप्रेशन से जूझ रहे थे.
केसरी चावड़ा ने कहा,की ‘सुशांत सिंह राजपूत ने दवाइयां लेना छोड़ दिया था और उन्हें जून के पहले महीने में पैनिक अटैक आया था. वह भयंकर डिप्रेशन और तनाव से जूझ रहे थे. इस सिलसिले में श्रुति मोदी ने मुझे पिछले साल 25 नवंबर को कॉल किया था और सुशांत से मिलने के लिए वॉटर स्टोन क्लब बुलाया था. इसके बाद 27 नवंबर को सुशांत को हिंदूजा में भर्ती करवाया गया था.
केसरी चावड़ा आगे कहते हैं, ‘उस समय सुशांत ने मुझे बताया कि उन्हें किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी नहीं थी और न ही कभी आत्महत्या जैसे ख्याल आते थे. सुशांत ने मुझसे पूछा था कि वह स्मोक कर सकते हैं या नहीं, मैंने उन्हें मना कर दिया था. केसरी चावड़ा बताते हैं कि इसके बाद उन्हें रिया चक्रवर्ती के जरिए भी कई बार कॉल किया गया था.
केसरी चावड़ा ने आगे कहा, ‘रिया चक्रवर्ती ने मुझे फिर एक दिसंबर को कॉल किया था. तब मुझे पता चला कि सुशांत ने फिर स्मोकिंग करना शुरू कर दिया था. सुशांत कहते थे कि वह अपनी मां से बहुत प्यार करते थे, और उनके जाने के बाद से वह काफी दुखी और अकेले थे. उस समय उन्हें cutiepin और phunil दवाई लेने के लिए कहा गया था.’ केसरी चावड़ा के मुताबिक पिछले साल 23 दिसंबर को सुशांत ने उनसे कहा था कि वह काम करने के इच्छुक नहीं थे. डॉक्टर ने यह भी बताया है कि जब भी वह सुशांत से मिलते थे तो रिया चक्रवर्ती वहां मौजूद रहती थीं और वह भी काफी चिंता करती थीं.
केसरी चावड़ा ने आगे बताया, ’30 दिसंबर को मुझे बताया गया कि सुशांत फिर ठीक महसूस नहीं कर रहे है. इसी वजह से उनकी दवाई बदल दी गई थी. उन्हें itizola की जगह modalart देने की सलाह दी गई थी, लेकिन फिर इसी साल फरवरी में सुशांत थोड़ा बेहतर महसूस कर रहे थे. उस समय सुशांत ने दवाइयां लेना बंद कर दिया था. इसके ठीक एक महीने बाद मार्च में फिर सुशांत की तबीयत खराब हो गई थी. छह मार्च को मुझे फोन आया था कि सुशांत फिर डिप्रेशन से लड़ रहे हैं. वह मुंबई से जाना चाहते थे.’
केसरी चावड़ा ने आगे कहा, ‘आठ जून (जिस दिन रिया ने सुशांत का घर छोड़ा) को फिर रिया का फोन आया कि सुशांत डिप्रेशन में थे और उनकी दवाइयां फिर शुरू होनी चाहिए. इसके बाद मैंने सुशांत से पूछा था कि वह दवाइयां क्यों नहीं ले रहे थे ? इस पर वह सिर्फ हंसने लगे. वहीं रिया ने कहा था कि सुशांत उनकी बात नहीं मानते थे.’ बताया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मानसिक रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अगर उन्होंने इलाज लेना छोड़ दिया तो वह गंभीर कदम को उठा सकते हैं.