कानपुरः 14 दिसंबर को अटल घाट पर नमामि गंगे के तहत गंगा को करीब से देखने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल घाट पर सीढ़ियां चढ़ते हुए लड़खड़ा फिसल गए थे.
जिसके बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों और जिला प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए थे. इस पर योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की कड़ी फटकार भी लगाई थी.
जिला प्रशासन जल्द ही जिन सीढ़ियों से लड़खड़ा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिसले थे, उन सीढ़ियों को तोड़कर उनके स्थान पर नई सीढ़ियां बनाएगा.
मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने 2 साल पहले 29 घाटों का निर्माण का ठेका इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड को 44.30 करोड़ में दिया गया था. इसमें अप्रैल 2018 में गंगा बैराज के पास अटल घाट का भी निर्माण कार्य मिला था.
निर्माण कार्य को 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी ने 10 महीने में ही पूरा कर दिया था. स्थानीय लोगों और समाजसेवी चंदन के मुताबिक जल्दबाजी के चलते कंपनी ने घाट पर बनी सीढ़ियों को मानक के विपरीत बना डाला था.
बनने के बाद स्थिति यह थी कि सीढ़ियां ऊंची और नीचे बनी थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले भी लोग यहां पर गिर चुके थे. इतना ही नहीं,
कार्यक्रम का निरीक्षण करने आए मंत्रीजी भी लड़खड़ा कर गिरते-गिरते बचे थे, लेकिन फिर भी जिला प्रशासन आंख बंद किए रहा.