रांची: टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत झारखंड राज्य में दवा प्रतिरोधी टीबी रोगियों के लिये नई दवा प्रणाली ओरल रेजिमेन की शुरूआत स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव संजीव कुमार द्वारा एस.टी.डी.सी सभागार, नामकूम, रांची में की गई. इस रेजिमेन के तहत दवा प्रतिरोधी टीबी रोगियों को इंजेक्षन की जरूरत नहीं होगी.
राज्य में आई.सी.एम.आर एवं राज्य यक्ष्मा प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में राज्य में मिलने वाले टीबी रोगी का आकलन के लिए सर्वें किया जाना है. इस अवसर पर सर्वे हेतु टीबी डायगनोस्टिक वैन को विशेष सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड के द्वारा हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया. राज्य में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम जिसका लक्ष्य 2025 रखा गया है की समीक्षा विशेष सचिव के द्वारा किया गया. उन्होंने झारखंड द्वारा किये जा रहें कार्यो पर संतोष जताया तथा इसे गति देने हेतु आवश्यक निर्देश दिया जिनमें लोगों में जागरूकता फैलाने, प्राईवेट सेक्टर के रोगियों को सभी सुविधा उपलब्ध कराने अन्य विभागों-स्टेक होल्डर से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया.
कार्यक्रम में उपस्थित टीबी चैंपियन से मिल कर उन्हें अपने क्षेत्र के लोगों को टी.बी के प्रति जागरूक करने का आग्रह किया. कार्यक्रम में डा. नितिन मदन कुलकर्णी, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड, डा. शैलेश चौरसिया, अभियान निर्देशक, एन.एच.एम, झारखंड, डा. कुलदीप सिंह सचदेवा, डी.डी.जी, टीबी, स्वास्थ्य विभाग, भारत सरकार, डा. रघुराम राव, उप निर्देशक, टीबी, स्वास्थ्य विभाग, भारत सरकार, डा. जे.पी सांगा, निर्देशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, झारखंड, डा. राकेश दयाल, राज्य यक्ष्मा पदाधिकरी, झारखंड, डा. ए मित्रा, निर्देशक, एस.टी.डी.सी, डा. ए महापात्रा, आई.सी.एम.आर के साथ ही सभी जिलों के जिला यक्ष्मा पदाधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे.