रांची : नगर निगम की महापौर श्रीमती आशा लकड़ा ने कहा कि झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मज़दूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उतपन्न हो गई है. कुशल मज़दूर या अकुशल, दोनों को अपने ही राज्य में काम नहीं मिल पा रहा है. राज्य सरकार ने भी अब तक यह स्थिति स्पष्ट नहीं किया है कि उनके पास प्रवासी मज़दूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए क्या-क्या विकल्प है. राज्य में ऐसे कितने औद्योगिक ईकाई व लघु उद्योग हैं. जहां इन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की गुंजाइश है. जमशेदपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियां भी प्रवासी मज़दूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हैं.
प्रवासी मज़दूरों को जिस काम को करने का वर्षों का अनुभव है, उस हिसाब से न तो उन ज़िलों में औद्योगिक इकाई हैं और न ही कोई विकल्प. जिला प्रशासन ने अब तक यह आंकड़ा भी जारी नहीं किया कि प्रवासी मज़दूरों में कुशल और अकुशल मज़दूरों की संख्या कितनी है.
हालात ऐसे ही रहे तो प्रवासी मज़दूर अन्न के एक-एक दाने के लिए तरसेंगे. मानसून की बारिश शुरू होने के बाद भी जिला स्तर पर आवश्यकता के अनुरूप बीज व खाद उपलब्ध नहीं कराए गए है. इसके अलावा जरूरतमंदों को अनाज उपलब्ध कराने में भी राज्य सरकार की मशीनरी फेल हो चुकी है। जिनके पास राशन कार्ड की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्हें पीडीएस दुकानो के माध्यम से अनाज भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान राज्य के कई युवाओं को नौकरी से हटा दिया गया है। अचानक नौकरी से हटाए जाने के बाद वे हताश और निराश हो चुके हैं। मानसिक तनाव के कारण अब तक कई युवा आत्महत्या कर रहे हैं। वर्तमान में रोजी-रोटी व भविष्य की चिंता को लेकर युवा वर्ग सबसे ज्यादा चिंतित हैं। राज्य सरकार से आग्रह है कि तत्काल इस दिशा में उचित कदम उठाते हुए सकारात्मक पहल करें। केंद्र सरकार ने कोरोना काल के आपदा से राहत के लिए 20 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। फिर भी राज्य सरकार के पास इस आपदा से निपटने की कोई योजना अब तक तैयार नहीं की गई है।राज्य सरकार के अधिकारी हों या मंत्री, प्रवासी मज़दूरों को रोजगार उप्लब्ध कराने के लिए मनरेगा के सिवाय कोई दूसरी योजना पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। भारत सरकार के द्वारा कई योजनाएं जा रहे हैं परंतु राज्य सरकार उस दिशा में कार्य नहीं कर रहा है राज्य सरकार को केंद्र द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं को धरातल में उतारने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है जिसमें आत्मनिर्भर भारत अभियान कार्यक्रम, प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अनाज उपलब्ध कराना है, PM-kym Scheme, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, समेत सैकड़ों योजनाएं केंद्र सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है उस दिशा में सरकार को काम करना चाहिए सरकार को राजनीतिक राजनीतिकरण छोड़ आम जनता के हितों में ध्यान देना चाहिए.