रांची: झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में राज्य के सभी जिला और अनुमंडलों के युवा औरआर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ताओं को 20-20 हजार रुपये का जीवन यापन भत्ता देने का आग्रह झारखंड सरकार से किया है.
शुक्ल ने झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र भेजकर उनसे युवा अधिवक्ताओं और आर्थिक रूप से पिछड़े अधिवक्ताओं के बारे में चिंता जताते हुए कहा है कि सभी स्तर के न्यायालय बन्द पड़े है.
अधिकांश अधिवक्ता दैनिक आय पर आधारित है. न्यायालय के लंबे समय तक बंद होने से उनके सामने आर्थिक तंगी आयेंगी.
ऐसे में राज्य सरकार 20-20 हजार रुपए युवा और आर्थिक रूप से पिछड़े अधिवक्ताओं को जीवन यापन भत्ता के रूप में वितरित करावे. जिससे उनके सामने जीवन यापन की कठिनाई न पैदा हो.
शुक्ल ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में राज्य सरकार के लॉकडाउन के निर्णय की सराहना करते हुए लिखा है कि अधिवक्ताओं का गौरवशाली इतिहास रहा है.
स्वतंत्रता संग्राम से लेकर अबतक के सभी चुनौतियों के समाधान में उनकी निर्णायक भूमिका रही है. इस वैश्विक महामारी में भी देश के साथ पूरे झारखंड के अधिवक्ता मजबूती से अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन कर रहे है.
ऐसे में राज्य सरकार का भी यह दायित्व है कि युवा और आर्थिक रूप से पिछड़े अधिवक्ताओं को गुजारा भत्ता प्रदान करे और सस्ते दर पर खाद्यान्न सामग्री सुलभ कराए.