हजारीबाग: रौशन लाल चौधरी द्वारा पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और विधायक निर्मला देवी के आंदोलन को हंगामा बताने और कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थन नहीं दिए जाने के सवाल उठाने पर बड़कागांव विधायक प्रतिनिधि अम्बा प्रसाद ने रौशन लाल पर तीखा हमला बोलते हुए सवाल किया कि पहले रौशन लाल अपनी उपलब्धि बताएं कि आजसू पार्टी उनको क्यों ढो रही है. विधानसभा में उनकी उपलब्धि क्या है? जो वो बड़कागांव विधानसभा का बोझ बनने के लिए आतुर हैं. उन्हें पहले ये बताना चाहिए कि आजसू ने बड़कागांव के लिए क्या किया है.
बड़कागांव के विस्थापितों पर अत्याचार और हक-अधिकार के हनन के खिलाफ सिर्फ योगेन्द्र साव-निर्मला देवी ही नहीं पक्ष-विपक्ष के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने आंदोलन कर विस्थापन के विरोध में आवाज बुलंद किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, जेएमएम व नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन, पूर्व विधायक लोकनाथ महतो, सीपीएम नेता पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, भाजपा नेता अवध यादव, राजद नेता गौतम सागर राणा, जेवीएम नेता शिवलाल महतो, जीप अध्यक्ष सुशीला देवी समेत कई एनजीओ ने विस्थापन और विस्थापितों पर हुए अत्याचार का विरोध किया.क्या इन सभी पार्टियों और नेताओं का विरोध रौशन की नजर में हंगामा नजर आता है. चुनाव के समय विस्थापितों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने का दिखावा करने वाले रौशन लाल जरा ये भी बताएं की जब विस्थापितों, महिलाओं-रैयतों पर अत्याचार की सारी हदें पार कर दी जा रही थी,तब वो बड़कागाँव के पीड़ितों के दुःख के समय में कहाँ थे.
उन्होंने कहा विस्थापन और अत्याचार की इतनी बड़ी त्रासदी को हंगामा और नौटंकी बताने वाले रौशन को बड़कागांव की जनता कभी माफ नहीं करेगी. ऐसा बोल रौशन लाल चौधरी ने विस्थापितो और गोलीकांड में शहीद हुए लोगों एवं पीड़ित परिवारों को अपमानित कर उनके जख्मों में नमक डालने का पाप किया है.इस पाप का मुहतोड़ जवाब बड़कागाँव की जनता आगामी चुनाव में देगी.
अम्बा प्रसाद ने कहा कि जमीर बेच के बिना नीति-सिद्धांत के हमेशा सत्ता से चिपकी रहने वाली आजसू पार्टी की गिद्ध नजर बड़कागांव को लूटने पर लगी हुई है. एक तरफ कंपनियां लोगों की जमीन लूट रहीं थी दूसरी तरफ आजसू जिला उपाध्यक्ष वन विभाग की जमीन अपने नाम करा रहे थे.
अम्बा प्रसाद ने इस बात का भी जवाब दिया जिसमें रौशन ने मात्र चार सौ वोट से चूक जाने का जिक्र किया था. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहने में शर्म आ रही है कि भाजपा-आजसू गठबंधन में उन्हें जहां एक लाख वोट मिलना चाहिए था वहां उन्हें मिले मात्र एकसठ हजार और योगेन्द्र साव को जहां 2009 में करीब अड़तीस हजार वोट मिले थे. जो बढ़कर निर्मला देवी को 2014 में 62 हजार वोट कैसे मिल गया. बड़कागांव विधानसभा की जनता आजसू के दोहरे चरित्र को करीब से देख, जान, समझ रही है कि इनके नीति-सिद्धांत और इरादे क्या हैं.