धनबाद:- उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने आज समाहरणालय के सभागार में पीएम किसान योजना की समीक्षा की. इस दौरान जिले के विभिन्न बैंक द्वारा केसीसी निष्पादन प्रक्रिया में उदासीन रवैया अपनाने के लिए उन्होंने बैंक के प्रति सख्त नाराजगी प्रकट की.
समीक्षा दौरान केसीसी के 7434 आवेदन विभिन्न बैंक शाखाओं में लंबित मिले. जिसमें यूको बैंक की मुनिडीह ब्रांच में 117, मुकुंदा 129, प्रधानखंता 118, बलियापुर 109, इलाहाबाद बैंक तिलैया 252, झारखंड ग्रामीण बैंक बरियो 136, बैंक ऑफ इंडिया संग्रामडीह 259, एसबीआई महाराजगंज 617, एसबीआई पोखरिया 190, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया टुंडी 263, ओझाडीह 425, बैंक ऑफ इंडिया संग्रामडीह 287, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया महाराजगंज 158, बैंक ऑफ इंडिया मनियाडीह 239, इलाहाबाद बैंक बेनागोरिया 334, इलाहाबाद बैंक पिंड्राहाट 217, एसबीआइ बसंतीमाता 190 सहित अन्य बैंक में केसीसी मामले लंबित मिले.
बड़ी संख्या में लंबित मामले मिलने पर उन्होंने कहा कि केसीसी निष्पादन में बैंक का रवैया घोर असहयोगात्मक है. जनता का काम करने में बैंक केवल बहाना बाजी करती है.
उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना केंद्र एवं राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. योजना में असहयोग रवैया अपनाने वाले बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र लिखकर संबंधित बैंक प्रबंधक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा करेंगे.
समीक्षा के बाद उपायुक्त ने अग्रणी जिला प्रबंधक नकुल कुमार साहू को निर्देश दिया कि वे एक सप्ताह के अंदर लंबित आवेदनों में से 80 प्रतिशत आवेदन को स्वीकृत कर आगे की प्रक्रिया संपन्न करें. साथ ही कहा कि किसी भी बैंक द्वारा केसीसी आवेदन अस्वीकार करते समय रिजेक्ट करने का ठोस कारण दर्शना होगा.
उपायुक्त ने जिला कृषि पदाधिकारी असीम रंजन एक्का को निर्देश दिया कि वे कृषक मित्रों की सहायता से केसीसी आवेदन जमा करते समय सारे कागजात की जांच कर, सभी जानकारी उपलब्ध कराकर, बैंक में आवेदन प्रेषित करें. जिससे अस्वीकार होने की संभावना नहीं रहे.
समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने पाया कि मत्स्य विभाग के 476 तथा डेयरी से संबंधित 400 मामले बैंक में लंबित है. उन्होंने इन मामलों का भी त्वरित निराकरण करने का निर्देश दिया.