पटना: गुरूवार को गरीबों के लिए ‘थोड़ा शराब पीने को संजीवनी’ बताए जाने के संबंधी बयान पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा बिहार सरकार की ओर से सख्त प्रतिक्रिया आई है जिसने राज्य में 2016 में शराब को प्रतिबंधित कर दिया था .
सोशल मीडिया में यह तस्वीर वायरल हो गयी थी . पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि यह व्यक्ति शराब के नशे में है या नहीं. लेकिन आइए हम शराब की खपत के बारे में एक बड़ा बतंगड़ करना बंद करें . दारू कभी कभी दवा के रूप में भी पेश की जाती है. मुझे इसका अनुभव है . बहुत पहले मैं हैजा से पीड़ित था तब एक नुस्खे ने मुझे बचा लिया .
हम प्रमुख ने कहा, थोड़ा शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी के बराबर होता है जो दिन भर कमर तोड़ मेहनत कर अपने घर लौटते हैं. भाजपा नेता एवं राज्य सरकार में भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल ने हम अध्यक्ष की आलोचना करते हुए उनकी खुद की आदतों को सही ठहराने की मांग’’ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि ‘‘लोग शराब पर प्रतिबंध लगाने से खुश हैं और यह हमेशा के लिए रहने वाला है.