मोहाली: पंजाब के मोहाली में एक छात्र संदिग्ध हालत में हॉस्टल के वाशरूम में फंदे से लटका मिला. यह घटना मोहाली के मेरिटोरियस स्कूल सेक्टर-70 का है. परिवार का आरोप है कि बेटे ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि हत्या करने के बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्र की मौत दम घुटने से बताई गई है. परिवार की शिकायत पर मटौर थाना पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए के तहत लापरवाही का केस दर्ज कर लिया है.
सेक्टर-70 मटौर स्थित मेरिटोरियस स्कूल पंजाब सरकार द्वारा चलाया जा रहा है. स्कूल में हरमनजीत सिंह (17) 11वीं में मेडिकल का छात्र था. छात्र की माता किरणजीत कौर और पिता तरसेम सिंह ने बताया कि रविवार शाम को उन्हें करीब 7.53 बजे फोन आया कि हरमनजीत की तबीयत ठीक नहीं है, उसका बीपी घटा हुआ है और वह चक्कर खाकर गिर गया है.
जल्दी मोहाली आने की बात कही. फिर प्रिंसिपल का फोन आया कि आपने कार लेकर आना है. जब तरसेम ने कहा कि बेटे से बात करवा दो, तो प्रिंसिपल ने आवाज लगाई कि हरमन अपने पिता से बात कर लो. लेकिन बेटे ने फोन पर बात नहीं की. इसके बाद फोन कट गया. फिर 8.35 बजे हॉस्टल वार्डन की कॉल आया कि फेज-6 अस्पताल आ जाओ. परिजनों ने बताया कि जब वे अस्पताल पहुंचे तो काफी देर तक उन्हें बच्चे के बारे में बताया नहीं गया. जब वे डॉक्टर के पास गए तो उसने बताया कि हम आपके बच्चे को बचा नहीं सके. उसका शव फ्रीजर में रखा गया है.
पिता का आरोप है कि काफी देर तक उन्हें बेटे का मुंह तक नहीं दिखाया गया. वह काफी देर तक परेशान रहे. जब बच्चे का शव देखा तो दंग रह गए. उसके चेहरे और शरीर पर मारपीट के कई निशान थे. तरसेम ने कहा कि इसके बाद वह अपने भाई सतगुर सिंह, भतीजा जगमेल सिंह, सुखचैन को लेकर रात को स्कूल गए.
उधर, मटौर थाने के एसएचओ राजीव कुमार ने बताया कि जब बच्चे को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 ए के तहत लापरवाही का केस दर्ज कर लिया गया है. अगर हत्या का मामला सामने आया तो उसकी धारा भी जोड़ दी जाएगी.
शिक्षा सचिव को कमेटी गठित करने को लिखा पत्र
मेरिटोरियस स्कूल सोसाइटी के असिस्टेंट प्रोजेक्ट डायरेक्टर आईपीएस मल्होत्रा ने बताया कि उन्होंने यह सारा मामला एजुकेशन सेक्रेटरी के ध्यान में ला दिया है. एजुकेशन सेक्रेटरी शहर से बाहर थे. हमने मांग की है कि मामले में एक जांच कमेटी गठित की जाए, जो स्कूल स्तर पर हुई खामियों की जांच करे. वहीं, मामले में पुलिस की जांच भी बराबर चलती रही. जबकि पुलिस का कहना है कि विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही सारी स्थिति साफ हो पाएगी.