लोहरदगा: बेल्जियम के ब्रसेल्स स्थित क्लीन सेमिनारे स्कूल के छात्र-छात्रा लोहरदगा पहुंचे. लोहरदगा के लिवेंस एकेडमी स्कूल द्वारा एजुकेशनल एंड कल्चरल एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत 20 छात्र-छात्रा झारखंड के दौरे पर हैं. यह सभी भारत के कई हिस्सों में भी जाएंगे.
क्लीन सेमिनारे स्कूल वही स्कूल है जहां 19वीं शताब्दी के मध्य में धर्म प्रचारक और शिक्षाविद फादर कांस्टेंट लीवंस पढ़ा करते थे. फादर लीवंस ने बाद में छोटानागपुर आकर यहां जनजातियों की शिक्षा के लिए काम किया. लोहरदगा में यह छात्र-छात्रा उपायुक्त और पुलिस कप्तान से मिले एवं जिला प्रशासन के कामकाज से रूबरू हुए.
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि झारखंड खासकर लोहरदगा की आबोहवा बहुत अच्छी है. स्थानीय संस्कृति और लोगों काेेेे व्यवहार उन्हें काफी पसंद आया. खासकर झारखंडी व्यंजन लजीज लगा.
दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत में बहुत गहराई और महानता होने की बात कही. दोनों देशों के पाठ्यक्रम में काफी समानताएं हैं. अंग्रेजी की कई कविताएं दोनों देशों के स्कूलों में पढ़ाई जाती हैं.
कनाडाई सैनिक और कवि जॉन मैक्री की कविता- इन फ्लैंडर्स फील्ड- का जिक्र किया. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बेल्जियम मे लिखी गई इस कविता को भारतीय स्कूल कॉलेजों में भी पढ़ाया जाता है.
पुनर्जागरण काल के दौरान शिक्षा संस्कृति में क्रांतिकारी बदलाव पर भी बातें रखीं. तमाम विद्यार्थियों ने कहा कि भारत खूबसूरत और बार बार आने को प्रेरित करने वाला देश है.