उत्तर प्रदेश: योगी सरकार में जेल में सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. ताजा मामला बरेली का है. जहां दो जेलों यानी जेल और जिला जेल में तीन कैदियों की अचानक मौत हो जाने से हड़कंप मच गया है. मरने वाले कैदियों में रामचंद्र, राम अवतार, हरिद्वारी लाल हैं, जो अलग-अलग मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. पुलिस ने तीनों का पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों को सौंप दिया है.
बता दें कि पीलीभीत निवासी रामचंद्र 5 लोगों की हत्या के मामले में सेंट्रल जेल में बंद था. कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन पिछले कुछ महीने से वह बीमार चल रहा था. उसका लखनऊ में इलाज भी कराया गया था.
दूसरे कैदी का नाम राम अवतार था, राम अवतार को सुभाष नगर इलाके में हुए मर्डर के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. वो जिला जेल में बंद था.
तीसरे कैदी हरिद्वारी को भी हत्या के मामले में ताउम्र कैद की सजा हुई थी. वो भी जिला जेल में सजा काट रहा था. दो जेलों में कैदियों की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन फानन में डीएम नीतीश कुमार और एसएसपी शैलेश पांडेय ने दोनों जेलों का निरीक्षण किया. अफसरों ने कैदियों से बातचीत करने के साथ ही खानपान और अन्य सहूलियतें देखीं. जिला जेल दूर होने की वजह से निरीक्षण से पहले ही वहां व्यवस्था दुरुस्त कर ली गईं. अफसरों को दोनों ही जगह व्यवस्था ओके मिली.
वहीं तीनों कैदियों की मौत के मामले में जेल प्रशासन ने डीएम को पत्र भेजकर स्थिति से अवगत कराया है. अब डीएम यहां मजिस्ट्रेट स्तरीय जांच कराएंगे. इसके लिए अधिकारी नामित किए जाएंगे.