नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को शराब कारोबारी विजय माल्या की याचिका पर सुनवाई दो अगस्त तक के लिए टाल दी है. माल्या ने याचिका दायर कर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उसकी संपत्ति को जब्त करने पर रोक लगाने की मांग की है. माल्या भारतीय बैंकों से लिए गए 9,000 करोड़ रुपये के ऋण को चुकाए बिना भारत से भाग गया था और वर्तमान में इंग्लैंड में प्रत्यर्पण संबंधी प्रक्रियाओं से गुजर रहा है.
Also Read This : असंगठित क्षेत्र के 4.5 लाख श्रमिकों को बीमा सुविधाओं का लाभ प्रदान करेगी सरकार
माल्या ने आर्थिक भगोड़ा अपराधी (FEO) अधिनियम 2018 के तहत उसकी संपत्ति को जब्त करने के लिए ED के अधिकार-क्षेत्र को चुनौती दी है. माल्या ने यह नहीं बताया कि क्या उसने यह संपत्ति गलत तरीके से प्राप्त धन से अर्जित की है.
उसने तर्क दिया कि इन संपत्तियों का बैंक ऋण विवाद से कोई संबंध नहीं है.
मुंबई उच्च न्यायालय ने 11 जुलाई को माल्या की संपत्ति को जब्त किए जाने के संबंध में एक विशेष अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.
विशेष अदालत ने जनवरी में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया था और धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) से संबंधित मामलों में उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी थी.