नई दिल्लीः कानून से जुड़े मुद्दों की रिपोर्टिंग करने वाली एक वेबसाइट ने कोर्ट ऑर्डर के आधार पर खबर लिखी कि पुलवामा हमले की साजिश के आरोपी को जमानत दे दी गई है.
बाद में एन आई ए ने स्पष्टीकरण जारी करके कहा कि जिसका जिक्र किया जा रहा है, वह व्यक्ति पुलवामा मामले का आरोपी नहीं है.
जिस वेबसाइटने यह खबर चलाई थी उसने भी अपनी गलती स्वीकार करते हुए खबर में सुधार किया . लेकिन इन सबके बीच कॉन्ग्रेस ने अक बार फिर अपनी किरकिरी करा ली.
दरअसल इस गलत खबर के चलने के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और इसको ‘देशद्रोह’ भी बता दिया. हालांकि, इस कोर्ट ऑर्डर में भी पुलवामा हमले का जिक्र कहीं नहीं था. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसी वेबसाइट पर डाले गए कोर्ट ऑर्डर को लेकर ट्वीट किया और सरकार पर हमला बोला.
पुलवामा उग्रवादी हमले के दोषी को ज़मानत, क्योंकि ‘नैशनल इन्वेस्टीगेशन एजेन्सी’(NIA) ने न तो सबूत इकट्ठे किए और न ही आरोपपत्र दायर किया।
पुलवामा हमले पर राजनीतिक रोटियाँ सेक ली, सरकार भी बना ली, अब देश व शहीदों के बलिदान की मोदी सरकार को कहाँ परवाह!
ये देश द्रोह नही तो क्या है? pic.twitter.com/GKYHU6CpP0
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 27, 2020
सुरजेवाला ने सवाल उठाए लेकिन खुद ही फंस गए रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, ‘पुलवामा उग्रवादी हमले के दोषी को ज़मानत, क्योंकि नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी NIA ने न तो सबूत इकट्ठे किए और न ही आरोपपत्र दायर किया. पुलवामा हमले पर राजनीतिक रोटियां सेक ली, सरकार भी बना ली, अब देश व शहीदों के बलिदान की मोदी सरकार को कहां परवाह! ये देशद्रोह नहीं तो क्या है?’
इस तरह के गंभीर आरोप पर एनआईए ने भी स्पष्टीकरण जारी किया. एनआईए ने कहा, ‘कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर कहा जा रहा है कि स्पेशल एनआईए कोर्ट (नई दिल्ली) ने पुलवामा हमले के आरोपी यूसुफ चोपन को जमानत दे दी है.
National Investigation Agency (NIA): Certain media reports have emerged which suggest that Spl. NIA Court New Delhi has granted bail to one accused Yousuf Chopan in Pulwama Attack Case. It is to clarify that Yousuf Chopan was never arrested in Pulwama Attack case. (1/3) pic.twitter.com/T5T6sTguDA
— ANI (@ANI) February 27, 2020
यह स्पष्ट किया जाता है कि यूसुफ चोपन कभी भी पुलवामा केस में आरोपी नहीं था. एनआईए ने आगे कहा, ‘यूसुफ और छह अन्य लोगों के साथ जैश-ए-मोहम्मद के साथ मिलकर साजिश करने के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.
इसमें आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी. जांच के दौरान जैश के सात आदमी गिरफ्तार किए गए. सबूतों के अभाव में यूसुफ के खिलाफ चार्जशीट फाइल नहीं की गई. इसलिए यूसुफ को जमानत दे दी गई.
एनआईए के मुताबिक, एनआईए कोर्ट ने 12 फरवरी 2020 को यूसुफ को जमानत दी थी. हालांकि, पुलवामा के डीएम के आदेश पर पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट (पीएसए) के तहत यूसुफ को कोट भगवाल जेल में भेज दिया गया है.
एनआईए ने यह भी कहा है कि वह पारदर्शी और ईमानदार जांच प्रक्रिया अपनाती है.वहीं, जिस वेबसाइट के कोर्ट ऑर्डर का जिक्र रणदीप सुरजेवाला ने किया है, उसने खुद अपनी गलती स्वीकार करते हुए वेबसाइट पर डाली गई खबर को एडिट कर दिया है.
वेबसाइट ने अब अपनी खबर में लिखा है कि ‘जैश-ए-मोहम्मद केस के आरोपी को बरी किया गया’.