स्विस बैंकों में जमा काले धन का मुद्दा सबसे पहले साल 2014 में बीजेपी ने उठाया था. बीजेपी ने आम चुनाव में इस मुद्दे को प्रमुखता दी थी और तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए थे. अब स्विस बैंकों में भारतीयों के करीब 10 खातों के दावेदार नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में स्विस सरकार की अनुसार इन बैकों के खाताधारकों के बैंक अकाउंट को सरकार अपने कब्जे में ले सकती है.
सूत्रों की माने तो भारतीयों के इन निष्क्रिय स्विस बैंक खातों के लिए पिछले छह साल में कोई दावेदार आगे नहीं आया है. और इन खातों में जमा करोड़ों रुपये कुछ हफ्तों बाद अपने कब्जे में ले लेगी.
पिछले 6 साल से बंद पड़े खातों में दो खाताधारक कोलकाता, एक देहरादून और दो खाताधारक मुंबई के हैं. कई खाताधारकों के समय सीमा अगले साल दिसंबर 2020 में खत्म हो रही है.
आपको बता दें स्विस सरकार ने 2015 में बैंकों के निष्क्रिय खातों की जानकारी सार्वजनिक करना शुरू किया था, जिससे खातेदारों के दावेदारों को जरूरी कागजात जमा करने पर उनकी धनराशि वापस की जा सके. अब तक बंद पड़े 3500 खातों में करीब 300 करोड़ रुपये जमा होने की उम्मीद जताई जा रही है.