BNN BHARAT: कोरोना के मामले बढ़ने के साथ-साथ कई चीजें भी स्पष्ट होती जा रही हैं. इस संगठन के हुए एक जलसे ने न सिर्फ मलेशिया बल्कि कई देशों में कोरोना को फैला दिया है. ईरान से लेकर भारत तक, तबलीगी जमात के जलसों में शामिल होने वाले लोग कोरोना फैला रहे हैं.
यही वजह है की इस संगठन ने समूचे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. अब इसी संगठन के लोगों ने पाकिस्तान के साथ साथ हिंदुस्तान में भी अपना कहर बरपाया है. बता दें कि तबलीगी जमात मौलाना और इस्लाम के जानकारों का एक ऐसा संगठन है जिसमें कट्टर इस्लाम की शिक्षा दी जाती है.
अगर इस संगठन के मूवमेंट पर गौर करें तो लगता है की यह सब एक खास योजना के तहत किया जा रहा है, जिसमे प्लान के तहत इस संगठन के सदस्य कोरोना वायरस को लेकर अलग अलग देशों में बेखौफ घूम रहे हैं, जिससे उस देश में कोरोना पूरी तरह से फैल जाए.
इस तरह से कोरोना 80 देशों तक फैला होगा
दरअसल पिछले हफ्ते गाजा में कोरोना वायरस के दो पाजिटिव मामले सामने आने से हड़कंप मच गया. जब गाजा के अधिकारियों ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि दोनों व्यक्ति पाकिस्तान (Pakistan) से वापस लौटे हैं, जो वहां तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस महीने मार्च महीने में लाहौर के रायविंड इलाके में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था जिसमें करीब 80 देशों के मुस्लिम मौलाना भी शामिल हुए थे. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है इस तरह से कोरोना 80 देशों तक फैला होगा.
ऐसे ही सिंध के रहने वाले चार लोगों को पाकिस्तान के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जो तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसी तरह किर्गीस्तान देश के पांच मौलानाओं में भी कोराना पॉज़िटिव पाया गया है, जिन्हें इस्लामाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इकनॉमिक टाइम्स के एक रिपोर्ट के अनुसार , तबलीगी जमात के कार्यक्रम में फिलीस्तीन और किर्गिस्तान से शामिल हुए लोगों का भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया ह. मलेशियाई मीडिया ने भी दावा किया था कि उनके देश में इस वायरस के संक्रमण के जो मामले सामने आये हैं, पता चला है कि उनमें आधे से ज़्यादा मामले पाकिस्तान में हुए इस कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों से जुड़े हैं. इस कार्यक्रम में शामिल हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं के कारण यह वायरस ब्रुनेई और थाईलैंड तक पहुंच गया है.
इसके पहले फरवरी के अंत में मलेशिया में भी हुआ था जलसा
यह कहानी पाकिस्तान में नहीं शुरू हुई थी बल्कि मलेशिया में शुरू हुई थ. मलेशिया में फरवरी के अंतिम सप्ताह में एक जलसा हुआ था जिसमें 1500 विदेशीयों सहित 16 हजार स्थानीय लोग शामिल हुए थे.
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इस में चार दिवसीय मुस्लिम जनसभा को कुआलालंपुर के पेटलिंग मस्जिद में आयोजित किया गया था. मलेशिया में हुए कुल मामलों में से लगभग दो तिहाई मामलों के लिए इस जनसभा को जिम्मेदार ठहराया गया था, जो 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच आयोजित की गई थी. यही कारण था कि दक्षिण पूर्व एशिया में कोरोना का प्रकोप एकाएक बढ़.
इस संगठन की जनसभाओं का दौर यही नहीं रुका बल्कि मलेशिया में कोरोना के मामले मिलने के बाद भी तब्लीगी ने इन्डोनेशिया के South Sulawesi में जलसे का आयोजन किया जिसमें लगभग 8 हजार लोग शामिल हुए थे.
भारत के तेलंगाना में भी इंडोनेशिया के मौलाना को अस्पताल में भर्ती कराया गया
एक मामला भारत में भी सामने आया है जहां पिछले हफ्ते तमिलनाडु के सलेम जिले और तेलंगाना से कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले सामने आने पर इंडोनेशिया से आये कई मौलानाओं को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया थ.
तब्लीगी जमात के प्रचारकों के आने से पहले केरल को छोड़कर पूरे दक्षिण भारत में कोरोना के मामले नहीं थ. हालांकि जैसे ही इन इस्लामिक प्रचारकों ने तमिलनाडु, तेलंगाना जैसे राज्यों का दौरा किया वैसे ही ये राज्य कोरोना प्रभावित बन गए.
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पाकिस्तान में अब हालात बद से बदतर
पाकिस्तान में अब हालात बद से बदतर हो गए हैं. न कोई रोक टोक है और न ही लॉकडाउन. इमरान खान ने तो स्वास्थ्य कर्मचारियों और प्रांतीय अधिकारियों के लॉकडाउन लागू करने के सुझाव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा. मलेशिया में अब कोरोना के संक्रमण का तीसरा झोंका आ चुका है लेकिन अभी भी कोई लॉकडाउन की स्थिति नहीं है.
अब तब्लीगी जमात के लोगो ने अपना कहर बरपना शुरू कर दिया है. लाहौर में हुए इस जमात के जलसे से पहले पाकिस्तान में कोरोना वायरस के लगभग 250 केस थे लेकिन एक ही सप्ताह में यह बढ़ कर 1500 पार कर चुके हैं.
तब्लीगी जमात की जनसभा को और फिर इसके कारण फैले कोरोना वायरस के संक्रामण को अगर देखा जाए तो यह किसी जिहाद से कम नहीं लग रहा. चीन के लोगों के बाद अगर पृथ्वी पर सबसे अधिक कोरोना किसी ने फैलाया है तो वह इस तब्लीगी जमात की जनसभा में शामिल हुए लोगों ने फैलाया है.
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