जमशेदपुर : आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में रामजन्म स्थल की भूमि पूजन के लिए झारखंड के सरना स्थल समेत अन्य आदिवासी समुदाय के पूजा स्थलों की मिट्टी को ले जाने के मामले का राज्यभर में विरोध शुरु हो गया है. इसको लेकर राज्य भर में फरमान जारी किया गया है. कहा गया है कि जिले के कोई भी पहान, पुजार, महतो आदिवासियों का पवित्र स्थल सरना स्थल से एक भी मिट्टी का ढेला उठाकर आरएसएस या विहिप को देते हैं तो उसपर सख्त कार्रवाई किया जाएगा, उन्हें सामाजिक दंड दिया जाएगा.
रविवार को इसी मुद्दे को लेकर जमशेदपुर के आदिवासी हो समाज, बागुनहातु भवन में शिवचरण बारी की अध्यक्षता में बैठक हुई। सामाजिक अगुवाओं ने कहा कि आदिवासी समाज में पूर्वजों से चली आ रही मान्यताओं के अनुसार सरना स्थल से किसी प्रकार के पत्ते, फूल तथा लकड़ी ले जाना वर्जित हैं. इस नियम के विरुद्ध काम करने वालों के साथ साथ समाज में बुरा प्रभाव पड़ता है। वहीं, विपत्ति एवं आपदाएं आती है। सरना स्थल समस्त आदिवासी समाज व समुदाय के बोंगाबुरू (कुल देवी – देवताओं) की संपत्ति है. बैठक में रायसिगं तुबिद, उपेंद्र बानरा, पांडा बोदरा, रवि सवैया, राजू गुईया, विक्रम हेम्ब्रम, सुरा मूदुईया, सबनम देवगम, महिंद्रा चम्पिया, मनोज मेलगंडी, बुधराम पडेया, साधु हो, डिस्डीक बिरुली, निक्कु कुदादा, लादू देवगम आदि लोग उपस्थित थे.