पाकुड़ : केंद्र और राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार 2014 में बनी. इसके बाद राज्य में विकास के कार्य प्रारंभ हुए. अब झारखंड खुशहाल और समृद्ध राज्य बनने की ओर अग्रसर है. लेकिन एक सवाल मैं अक्सर अपने आप से और आज आप से भी पूछ रहा हूं कि पिछले पांच साल में जो विकास के, आपके और राज्यहित में निर्णय लिए गए. वो 60 साल के शासन काल में क्यों नहीं लिए गए. जब इतने काम 5 वर्ष में हो सकते हैं तो 60 सालों तक जो पार्टी सत्ता में रही उसने क्यों नहीं झारखंड और यहाँ की जनता के हित में काम किया. इसका साफ अर्थ है कि उन दलों ने यहां के लोगों को सिर्फ वोटर समझा. उन्होंने यहां की भोली-भाली जनता का सिर्फ शोषण करने का काम किया. ऐसे कांग्रेस व झारखंड नामधारी दलों को आगामी विधानसभा चुनाव में उखाड़ फेंके और विकास की पक्षधर, सत्ता को सेवा का माध्यम मानने वाले दल को अपना समर्थन दें, ताकि न्यू झारखण्ड के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सके. ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के क्रम में पाकुड़ में आयोजित जनसभा में कही.
कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर हाथों बना रहे हुनरमंद
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनोत्पाद से जुड़े बांस व अन्य उद्योगों के विकास के लिए के लिए कई कदम उठाए गए हैं. गांव की महिलाओं व युवाओं को इससे जोड़ा जा रहा है. सरकार जल्द बांस कारीगरों को प्रशिक्षण के लिए वियतनाम भेजेगी. संथाल की बहनों को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल हो चुकी है. दुमका के जामा और गमरा के साथ गोड्डा के सुंदरपहाड़ी में खुला बैंबू एंड नेचुरल फाइबर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में 300 महिलाओं को मिला रोजगार दिया गया . यह गर्व की बात है कि इनके द्वारा निर्मित के उत्पादों को इटली भेजा जा रहा है.
नक्सलवाद अब गिन रहा अंतिम सांसे
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 सालों तक कई सरकारें रही. लेकिन किसी ने भी नक्सली समस्या का समाधान नहीं ढूंढा. लेकिन 2014 में सरकार बनने के बाद नक्सलवाद के खात्मे का प्रण लिया गया और राज्य सरकार इस प्रण को पूरा करने के बेहद करीब है. अब नक्सली मारे जा रहे हैं या आत्मसमर्पण कर रहे हैं. नक्सलवाद अंतिम सांसे गिन रहा है. अगर स्थिर सरकार, पूर्ण बहुमत की सरकार रही तो 2020 तक झारखंड उग्रवाद मुक्त राज्य बन जाएगा.
2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने बताया की वर्तमान सरकार किसानों को कर्ज लेना वाला नहीं बल्कि कर्ज देने वाला बनाना चाहती है. किसानों की आर्थिक समृधि सरकार का लक्ष्य है. किसानों के लिए मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत छह हजार रुपये हर वर्ष दे रही है. किसानों को पहली किस्त मिल चुकी है. जबकि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री किसान आशीर्वाद योजना के तहत एक से पांच एकड़ भूमि वाले किसानों को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये दे रही है. इस तरह केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों को हर वर्ष न्यूनतम 11 हजार और अधिकतम 31 हजार रुपए मिलेंगे. राज्य के 35 लाख किसानों को इन योजनाओं से जोड़ा जा चुका है. किसानों और छोटे दुकानदारों व स्वरोजगारी को भी पहली बार पेंशन देने की पहल केंद्र सरकार द्वारा की गई.