लखीसराय: कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव एवं बाढ़ की विभीषिका के बीच सरकार की चुनाव कराने की मंशा एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के विजुअल रैली को देखते हुए बिहार के लाखों अराजपत्रित कर्मचारियों एवं शिक्षकों के प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के प्रमुख घटक टेट-एसटेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने ट्विटर पर चुनाव टालने के लिए “पहले जान की बचाव फिर चुनाव” की हैशटैग से अभियान छेड़ा.
गौरतलब है कि कल टेट-एसटेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कोविड 19 के मद्देनजर चुनाव टालने की आग्रह किया था.
इस बाबवत पूछ जाने पर TET-STET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ लखीसराय के अध्यक्ष अजय कुमार एवं जिला उपाध्यक्ष सुधीर कुमार और रविकान्त ने कहा कि सरकार शिक्षकों समेत लाखों अराजपत्रित कर्मचारियों को जान जोखिम में डालकर राजतिलक की तैयारी कर रही है जो एक कल्याणकारी राज्य में लोकतांत्रिक सरकार को शोभा नहीं देता है. जब लोकतंत्र में लोक ही नहीं रहेंगे तो तंत्र से क्या फायदा?
संगठन जिला महासचिव रवि कुमार आर्य सचिव राजकुमार, सूरज कुमार, कुमारी ममता, सूरज दास,मीडिया प्रवक्ता रंजीत रविदास कोषाध्यक्ष सुबोध कुमार, उपकोषाध्यक्ष रामविलास शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि जनता कोरोना वायरस बाढ़ से बेहाल, सरकार ठोक रही चुनावी ताल.
आज कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की भयावहता और बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए सरकार को चुनाव टालने की पहल करनी चाहिए, ताकि संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित किया जा सके.
जिला कार्यकारिणी सदस्य शशि भूषण प्रसाद, चंदन कुमार, अजय कुमार, धनंजय कुमार, अविनाश कुमार ने कहा कि सरकार को अपने कर्मचारियों की चिंता नहीं है.
पिछले तीन माह से सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है. हजारों नवप्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन निर्धारण नहीं हुआ है, परंतु केवल चुनावी समर की तैयारी में तल्लीन है.