तेजस ने जो महारत हासिल की है उसकी अहमियत इसी से समझी जा सकती है कि एक हल्के लड़ाकू विमान को एक किलोमीटर दूरी वाले रनवे की लैंड होने या टेकऑफ के लिए जरूरत होती है पर नौ सेना के एलसीए को टेक ऑफ केवल 200 मीटर के रनवे पर और लैंडिंग एरेस्टर वायर की मदद से 100 मीटर के रनवे पर करना होता है।
नौसेना एविएशन के लिए शुक्रवार को 13 सितंबर की तारीख बेहद खास रही। गोवा में समुद्र किनारे स्थित आईएनएस हंसा (INS Hansa) पर सबसे पहला तेजस (Tejas) एलसीए (नेवी) का नियंत्रित लैंडिंग किया गया। इससे पहले ऐसा लैंडिंग केवल अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और चीन के नेवी ने ही कर पाया था। अब इस कड़ी में भारत का नाम भी शुमार हो गया है। इस लैंडिंग के बाद तेजस अब भारतीय नौसेना विमानवाहक, विक्रमादित्य पर उड़ान के दौरान विमानवाहक के लैंड कर पायेगा।