पटना: बिहार के नवादा जिले जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा अब 12 हो चुका है. जिले के अलग अलग हिस्से में कई लोगों ने होली के दिन शराब का सेवन किया जिसके बाद से लगातार मरने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है.
नवादा में हुई इस घटना के बाद चारों तरफ़ बवाल मचा हुआ है. ज़हरीली शराब की वजह से लोगों की जानें चली गयी जिसे लेकर तेजस्वी यादव भी नीतीश सरकार पर ख़ूब निशाना साध रहे हैं.
तेजस्वी ने गुरुवार को ट्वीट के लिखा है कि, “माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी, क्या आप जानते है जहरीली शराब से कल बिहार में 14 व्यक्तियों की मौत हो गयी? क्या आप 14 लोगों की हत्या के दोषियों को बचाने के अलावा उनके लिए शोक संवेदना भी व्यक्त नहीं करेंगे?क्या अभी भी आपको लगता है बिहार में शराबबंदी है?जवाब अपेक्षित है.
वहीं जहरीली शराब बांटने के मामले में पुलिस ने अब तक एक व्यक्ति की गिरफ़्तारी की है लेकिन सवाल ये है कि जिस राज्य में शराबबंदी को पाँच साल हो चुके हैं वहां धड़ल्ले से शराब कौन बांट रहा है.
गुरुवार को नवादा के सदर अस्पताल जा कर ईलाज करा रहे कई लोगों से बात करने की कोशिश की. इसके साथ ही वहाँ मौजूद ज़िला पुलिस की प्रतिक्रिया लेना चाही जिसमें उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही हैं.
वहीं एसडीएम के मुताबिक, मरने वालों के परिवार डायरिया एक वजह बता रहे हैं जबकि कईयों के मौत की वजह का अब तक साफ़ पता नहीं चल पाया है.पुलिस इस बात को सीधे तौर पर मानने को तैयार नहीं कि मरने वालों ने किसी शराब का सेवन किया था.
हमने नवादा के बुधौल और ख़रीदी बिगहा गांव के रहने वाले मृतकों के परिवार से बात की. ख़रीदी बिगहा में रहने वाले दिनेश के परिवार में उनकी पत्नी और बूढ़ी माँ हैं. पत्नी ने बताया कि होली के दिन ही कहीं से घूमते हुए दिनेश शाम तक घर पहुंचे जिसके बाद उन्हें नींद आ गयी.
शाम क़रीब 4-5 बजे उन्हें उठाने की कोशिश की गयी लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.पत्नी का कहना है कि कहीं से शराब पी कर दिनेश लौटे थे और तब से ही तबियत ख़राब लग रही थी.
वहीं पास के ही बुधौल गांव के निवासी धर्मेंद्र कुमार की पत्नी ने भी यही बताया कि किस तरह होली के दिन उनेक पति शराब पी कर लौटे थे और फिर उनकी तबियत ख़राब हो गई थी. उन्हें उलटियां करते हुए देखकर उनकी पत्नी अस्पताल लेकर गयी थी.
हालांकि डॉक्टर ने जाँच के तुरंत बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया था. साथ ही शराब पीने की बात भी लिखित तौर पर कही थी. इन सबके बावजूद नवादा पुलिस को पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट का इंतज़ार है जिसके आधार पर किसी नतीजे पर पहुंचे सके.