उपायुक्त ने पदाधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
रांची: कोविड-19 वैक्सीनेशन की तैयारी रांची जिला में जारी है. जिले के सभी प्रखंडों में वैक्सीनेशन के लिए करीब दस-दस वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाएंगे. उपायुक्त रांची छवि रंजन ने वैक्सीनेशन से संबंधित तैयारियों की समीक्षा करते हुए यह दिशा निर्देश दिए.
आज दिनांक 05 जनवरी 2021 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित बैठक में सिविल सर्जन रांची, अनुमंडल पदाधिकारी सदर/बुंडू, जिला कल्याण पदाधिकारी रांची, उप समाहर्ता भूमि सुधार सदर/बुंडू, सभी कोषांग के नोडल एवं सहयोगी पदाधिकारी, जिला आरसीएच पदाधिकारी, जिला के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, जिला के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.
बैठक में रांची जिला के विभिन्न प्रखंडों में अलग-अलग वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाने को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा की गई. उपायुक्त द्वारा वैक्सीनेशन सेंटर के लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को बीडीओ के साथ समन्वय स्थापित कर वैक्सीनेशन सेंटर चयनित करने का निर्देश दिया गया था. उपायुक्त ने सभी वैक्सीनेशन सेंटर में मापदंड के अनुसार व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
एक सेंटर में होगी 5 लोगों की टीम–
बैठक में संबंधित पदाधिकारियों को बताया गया कि एक वैक्सीनशन सेंटर में 5 लोगों की टीम होगी. इनमें चार वैक्सीनेशन ऑफिसर और एक वैक्सीनेटर होंगे. सेंटर पर आने वाले लाभार्थियों का वेरिफिकेशन करने के बाद कोविन (Co-win) अप्लीकेशन पर उनके रिकॉर्ड की इंट्री की जाएगी. वैक्सीनेशन सेंटर पर आने वाले लाभार्थियों की पहचान फोटोयुक्त पहचान पत्र से की जाएगी. टीम फॉरमेशन को लेकर सभी पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गये.
इसके अलावा वैक्सीनेशन सेंटर पर लॉजिस्टिक्स, शौचालय की व्यवस्था, पानी, बिजली, इंटरनेट कनेक्टिविटी वेंटीलेशन, एम्बुलेंस की व्यवस्था आदि को लेकर भी संबंधित पदाधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी गई.
वैक्सीनेशन सेंटर में हेल्पडेस्क एरिया, वेटिंग एरिया, वैक्सीनेशन रूम और ऑब्जर्वेशन रूम की व्यवस्था को लेकर पदाधिकारियों को उपायुक्त द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया.
आपको बताएं कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के पहले फेज में तीन प्रायरिटी ग्रुप बनाए गए हैं. इनमें सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर्स इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स और फिर 50 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग हैं.