नई दिल्ली: बीते दिनों जम्मू कश्मीर में एक सफल ऑपरेशन के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने लश्कर के कमांडर रियाज नायकू को ढेर कर दिया था. जिसके बाद एक बार फिर सेना ने आतंक की गली आने के बारे में सोच रहे कट्टरपंथियों को अहसास दिला दिया कि दहशतगर्दी फैलाने का क्या अंजाम होता है.
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का भी यही कहना है कि सुरक्षाबलों की प्राथमिकता आतंकी नेतृत्व का खात्मा करना है ताकि आतंकी संगठनों की भर्ती में कमी आ सके.
सीडीएस बिपिन रावत ने रियाज नायकू के एनकाउंट में मारे जाने के बाद मामले पर बोलते हुए कहा कि सशस्त्र बल की प्राथमिकता आतंकवादी नेतृत्व को बेअसर करना है. इससे आतंकी संगठनों की भर्ती में कमी आती है. वे हीरो नहीं हैं, वे कोई भी नहीं हैं.