जम्मू-कश्मीर: हंदवाड़ा में दो बड़ी आतंकी वारदातों से साबित होता है कि कश्मीर घाटी में एक बार फिर घुसपैठ की कोशिशें तेज हो गई हैं. सूत्रों के अनुसार, इस बीच बर्फ पिघलने के साथ ही 200 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ISI ने करीब 100 विदेशी आतंकियों को अंडरग्राउंड रहने को कहा है. उनकी जगह लोकल आतंकियों को सुरक्षा बलों से लड़ने का टारगेट मिला है. विदेशी आतंकी इन लोकल टेररिस्ट्स को सपोर्ट देने का काम कर रहे हैं.
डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज में युवाओं को रैडिकलाइज करने की कोशिश हो रही हैं. अगले 10-14 दिन बेहद अहम हैं. रमजान के महीने में आतंकी हमले तेज करने की फिराक में हैं.
इंटेलिजेंस ब्रीफिंग में पहले ही अप्रैल में आतंकी गतिविधियों में बढ़त की आशंका जताई गई थी. जैश-ए-मोहम्मद सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेज को निशाना बनाकर सुसाइड अटैक्स कर सकता है.
पाकिस्तान में बालाकोट के पास नीलम और लीपा वैली के कुछ लॉन्च पैड फिर से ऐक्टिव हो गए हैं. इसके अलावा माना जा रहा है कि नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने अब अपना नया बेस बनाया है.
आतंकी दिन की मूवमेंट के लिए जंगल और रात में छिपने के लिए नालों का सहारा ले रहे हैं. बीते दिनों कुपवाड़ा के जिस एनकाउंटर में पैरा ट्रूपर्स ने कॉम्बैट फाइट में संभवतः पांच आतंकियों को मारा था उसमें ये सब नाले में ही छिपे थे.
उत्तरी कश्मीर के जिन इलाकों में अब घुसपैठ हो रही है, वहां झेलम के ऐसे नाले आतंकियों की आड़ बन रहे हैं.
काउंटर-टेरर ऑपरेटिव्स इशारा करते हैं कि अप्रैल महीने में 25-30 आतंकी सीमा पार कर भारत में दाखिल हुए हैं. खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकियों का फोकस उत्तरी कश्मीर पर होगा. हंदवाड़ा इस साल कई मुठभेड़ों का गवाह बन सकता है.