दिल्ली: भारतीय टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा हाल में प्रथम श्रेणी में 50 शतक लगाने वाले मात्र नौंवें भारतीय बने हैं. वह अब फरवरी में न्यूजीलैंड दौरे पर भारतीय टीम के लिए लाल गेंद से खेलते दिखाई देंगे. पुजारा का मानना है कि घरेलू क्रिकेट ने उनके करियर में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
‘मेरा यह मानना रहा है कि एक खिलाड़ी को राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण करने से पहले पर्याप्त घरेलू मैच खेलना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मेरा यह मानना रहा है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट काफी प्रतिस्पर्धात्मक है और जो खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में रन बनाते हैं, वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी सफल होते हैं. उदाहरण के लिए हनुमा विहारी और मयंक अग्रवाल- इन खिलाड़ियों को जब टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला तो वे तैयार थे. यही बात गेंदबाजों पर भी लागू होती है. शाहबाज नदीम अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार हैं.’
टी-20 लीग के आने से टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता कम माने जाने लगी है. लेकिन पुजारा का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट हमेशा विशेष बना रहेगा.
भारत के लिए 75 टेस्ट मैचों में अब तक 5740 रन बना चुके पुजारा ने कहा, ‘आपकी प्राथमिकता हमेशा, अधिक से अधिक टेस्ट क्रिकेट खेलने की होनी चाहिए. इसे अभी भी लंबा सफर तय करना है. मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे अभी भी इस प्रारूप से प्यार है.’
टेस्ट में अब तक 18 शतक और 24 अर्धशतक जड़ चुके पुजारा ने आगे कहा, ‘ समय बदल रहा है और सफेद गेंद का क्रिकेट लोकप्रिय बन गया है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट हमेशा विशेष है और यह हमेशा विशेष रहेगा। हम उम्मीद करते हैं कि यह जितना संभव हो, उतने समय तक जारी रहे.’