नई दिल्ली: गाजियाबाद में हमलावर पत्रकार विक्रम जोशी पर ताबड़तोड़ वार कर रहे थे. घटना की चश्मदीद बेटी चाहत ने बताया कि बदमाश उसे मारने की धमकी दे रहे थे लेकिन वह नहीं डरी. बड़ी बेटी पिता को बचाने के लिए गुहार लगा रही थी. इसी दौरान हत्यारोपियों ने बेटी से कहा कि तू भाग जा नहीं तो तुझे भी मार देंगे लेकिन पिता को बचाने के लिए वह शोर मचाती रही.
चाहत ने बताया कि वह अपनी बुआ के घर उनकी बेटी के जन्मदिन पर छोटी बहन बानी और पिता के साथ गई थी. रात ज्यादा होने लगी तो उसने पापा से घर चलने को कहा. वह लोग घर से कुछ ही दूर पहुंचे होंगे तभी कई युवकों ने धक्का देकर बाइक गिरा दी और अंगोछे से पिता का गला घोटने लगे. कुछ युवकों ने उनके ऊपर हमला कर दिया. उसने पिता को बचाने की कोशिश की और शोर मचाया.
आरोपियों ने चाहत से कहा कि तू यहां से भाग जा नहीं तो तुझे भी मार देंगे. चाहत ने बहादुरी दिखाते हुए कहा कि मार के दिखाओ. उसी दौरान एक युवक आया और उसने पापा के सिर में गोली मार दी. दूसरी गोली मारने के लिए वह तमंचे को लोड कर रहा था. इसी दौरान परिवार के अन्य लोग शोर सुनकर आ गए. उन्हें देखकर आरोपी भाग गए.
चाहत ने बताया कि अंगोछा भी खींचातानी में फट गया. कहा कि वह सड़क पर बचाओ-बचाओ कोई तो पापा को बचाओ बोलकर शोर मचा रही थी लेकिन रास्ते में कोई नहीं रुका. वहां से गुजर रहे लोग हस्तक्षेप करते तो जान बच सकती थी.
मां पूरी रात करती रही बेटे का इंतजार
विक्रम जोशी की मां राजवती ने बताया कि वह अपने बेटे का पूरी रात इंतजार करती रही. उन्होंने बताया कि जो हुआ उसका उन्हें सपने में भी अंदाजा नहीं था. जब वह घर से बाहर होता था तो थोड़ी बेचैनी रहती थी. चूंकि वह अपनी बहन के घर गया था तो सोचा की रात में वहीं रुक गया होगा. बेटे को गोली लगने की सूचना रात में उन्हें किसी ने नहीं दी थी.