श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई में शोपियां जिले में सेना की कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे तीन लोगों के शवों को राजौरी में कब्रों से निकालने और परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी. पत्रकारों ने जब पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से पूछा कि मृतकों के शवों को उनके परिवारों को कब सौंपा जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘प्रक्रिया जारी है. हमने जरूरी कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी.’ इससे पहले 30 सितंबर को कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा था कि मृतकों के डीएनए के नमूनों का परिवार के सदस्यों के डीएनए से मिलान हो गया है. तीनों शवों को बाहर निकालकर कानूनी प्रक्रिया पूरी करके परिवारों को सौंप दिये जाएंगे.
गौरतलब है कि 18 जुलाई को सेना ने दावा किया था दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में ऊंचे इलाके के अमशीपुरा गांव में तीन आतंकवादी मारे गए हैं. हालांकि बाद में सोशल मीडिया पर खबरें आईं कि जम्मू के राजौरी जिले के तीन लोग अमशीपुरा में लापता हो गए हैं, तो सेना ने जांच शुरू की. शोपियां में मजदूरी करने वाले इन लोगों के परिवारों ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. सेना ने रिकॉर्ड चार हफ्ते में जांच पूरी करने के बाद १८ सितंबर को कहा कि ‘प्रथम दृष्टया’ उसने पाया है कि उसके सैनिकों ने मुठभेड़ के दौरान सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम के तहत मिली शक्तियों से आगे बढ़कर काम किया है और उसने इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की है.
पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू करते हुए मृतकों के साथ मिलान करने के लिये उनके परिवारों के डीएनए के नमूने लिये थे.