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पत्रकारिता की अवधारणा, अर्थ एवं स्वरूप

by bnnbharat.com
December 22, 2022
in भाषा और साहित्य
पत्रकारिता की अवधारणा, अर्थ एवं स्वरूप
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पत्रकारिता समाज में ऊर्जा भरने का एक आक्रमक साधन है. पत्रकारिता सूचना देती है और दिशानिर्देश भी करती है, क्योंकि यह जन-जन की अभिव्यक्ति की मुखर रूप से व्यक्त करने का जनतांत्रिक तरीका है .

परिस्थितियों के अध्ययन, चिन्तन – मनन और आत्माभिव्यक्ति की प्रवृत्ति तथा सब जनहिताय सब जनसुखाय के प्रति व्यग्रता ने पत्रकारिता को जन्म दिया . ”

पत्रकारिता की परिभाषा :

अंग्रेजी शब्द ‘ जर्नलिज्म ‘ का हिन्दी रूपांतर है पत्रकारिता . जर्नलिज्म शब्द ” जर्नल ” से बना है जिसका शब्दिक अर्थ ” दैनिक ” होता है . प्रतिदिन की गतिविधियों का विवरण ” जर्नल ” में रहता है. जो व्यक्ति समाचार प्राप्त करता है तैयार करता है और उसे प्रकाशित करता है वह पत्रकार कहलाता है . और पत्रकारिता पत्र-पत्रिकाओं के लिए समाचार लेख आदि एकत्रित तथा संपादित करने प्रकाशन के आदेश आदि देने का कार्य है.

” पत्रकारिता वह विधा है, जिससे पत्रकारों के कार्यों कर्तव्यों का विवेचन किया जाता है, जो अपने युग और अपने संबंध में लिखा जाए वही पत्रकारिता है” .

हर्बट ब्रकर के अनुरूप ” पत्रकारिता वह मध्य है जिसके माध्यम से हम अपने मस्तिष्क में दुनिया के बारे में समस्त सूचनाएं संकलित करते हैं जिससे हम स्वत: कभी नहीं जान सकते.

पत्रकारिता वह धर्म है, जिसका संबंध पत्रकार के उस कर्म से है जिससे वह तत्कालीन घटनाओं और समस्याओं का सबसे अधिक सही और निष्पक्ष विवरण पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करें और जनमत जाग्रत करने का श्रम भी करें ”

पत्रकारिता ही विभिन्न समूह और व्यक्तियों के बीच सेतु का कार्य करती है यह हमारी तथाकथित विस्तृत हो गई संवेदना को खुशखुशक प्रदान करती है और जीवित रहती है .

जिस में कागज समाचार घटना है जानकारी आदि हो और जो बिक्री हेतु नियत स्थान पर छापा जाता है उसे समाचार पत्र कहते हैं समाचार पत्रों के अंतर्गत केवल दैनिक समाचार पत्र नहीं बल्कि साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक और सभी तरह के पत्र सम्मिलित किए जाते हैं लेकिन समाचार पत्र का नाम आते ही दैनिक समाचार पत्र का स्वरूप भी समक्ष आता है .

पत्रकारिता का स्वरूप

पत्रकारिता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है इसके बिना जीवन में महत्वपूर्णता नहीं हो सकती हैं. इसके बिना किसी समुदाय आराधना या मानव गरिमा की स्थापना की कल्पना भी नहीं की जा सकती पत्रकारिता आधुनिक युग की लेखन विधाओं में सर्वाधिक जीवन विधा है.
पत्रकारिता जनजागृति उत्पन्न करते हैं, शिक्षा का व्यापक प्रचार प्रसार करते हैं, पर्यावरण के संरक्षण हैं, पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, सामाजिक ,सांस्कृतिक, वैज्ञानिक ,व्यापारिक ,उपलब्धियों का प्रचार प्रसार करते हैं मूल्यांकन पूनर्मुल्यांकन करते हैं. यह राष्ट्रीयता, भारतीयता और मानवता की प्रतिष्ठा करते हैं.

पत्रकारिता खबरों की सौदागरी नहीं है न उसका काम सत्ता के साथ शयन है. उसका काम जीवन की सच्चाईयों को सामने लाना है . पत्रकारिता अपने विचारों को जनता तक पहुंचाने का उपक्रम है. पत्रकारिता एक अर्थ में अतीत की व्याख्यता, वर्तमान की कहानी और भविष्य की निर्माता है. पत्रकारिता मनुष्य और समाज मजदूर और मालिक शासक और शासिक के बीच एक ऐसी कड़ी बन गई है जो दोनों में सामन्जस्य पैदा कर देती है. पत्रकारिता साहित्य की विधि नहीं बल्कि साहित्य पत्रकारिता के विवेचन का साधन है आज पत्रकारिता में कहानी साहित्य उपन्यास, नाटक ,एकांकी, रिपोर्ताज, संस्मरण, रेखाचित्र, जीवनी, फीचर आदि सभी शामिल हैं.
पत्रकारिता के कुछ शाश्वत धर्म ही उसके स्वरूप को उद्घाटित कर सकते हैं जिन्हें इस क्रम में रखा जा सकता है

पत्रकारिता के शाश्वत धर्म

विशिष्ट उद्देश्य
सामाजिक चेतना का दर्पण
सूक्ष्म पर्यवेक्षण
मूल्यों की नियमिका
वैविध्यपूर्ण व्यापक क्षेत्र
नीर – क्षीर विवेक
प्रेरणा एवं जागरूकता

पाश्चात्य विद्वान सी. जी. मुलर ने सामाजिक ज्ञान के व्यवसाय को पत्रकारिता माना है उनका मत है कि इनमें तथ्यपरता, मूल्यांकन एवं उपयुक्त स्तुतिकरण आवश्यक है.
मानव समाज की सांस्कृतिक, साहित्यिक, धार्मिक, अध्यात्मिक, राजनैतिक, आर्थिक, व्यापारिक, शैक्षिक, नैतिक, मुल्यगत उपलब्धियां के विवरण- विश्लेषण, मूल्यांकन और प्रस्तुतीकरण का माध्यम है पत्रकारिता. सूचना प्रदान करना, सत्य को उद्घाटित करना, जनता को शिक्षित करना एवं मनोरंजन करना मूल्यों की प्रतिष्ठा करना इस का परम लक्ष्य है. यह जन मानस को जागृत और शिक्षित करती है.

पत्रकारिता की विशेषताएं

1:- पत्रकारिता समाज की गतिविधियों का आईना है और इसकी दृष्टि सूक्ष्म होती है यह शासन और जनता के बीच सेतु का कार्य करती है.
2:- यह सामाजिक -सांस्कृतिक मूल्यों की संरक्षिका है.
3:- पत्रकारिता की एक प्रमुख विशेषता नीर – धीर विवेकी प्रकृति है.
4:- यह कुशल चिकित्सक के समान समसामयिक परिस्थितियों एवं घटनाक्रम की नाड़ी को थम कर उसके चाल – ढाल गति का अंदाज लगाकर स्वास्थ्य को सुधारने का काम करती हैं.
5:- यह मानवीय गुणों के विकास में सहायक है.
6:- यह जागरूकता पैदा करने में व प्रेरणा प्रदान करने में सहायक है और इसका क्षेत्र भी वैविध्यपूर्ण हैं. यह वर्तमान युग की मार्ग निर्देशिका है.

पत्रकारिता के मानदण्ड

ईमानदारी
प्रेस की स्वतंत्रता
निर्भीकता
सटीकता तथा सत्यता
उत्तरदायित्व

संपादक की जिम्मेदारियां, कैसा होना चाहिए संपादक…एक विश्लेषण

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