बेतिया पश्चिम चम्पारण : जिला अन्तर्गत नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र के प्राईवेट कोचिंग एंड ट्यूशन टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा है कि मार्च से लगातार लॉकडाउन होने के कारण कोचिंग/टयूशन पढ़ा रहे प्राईवेट शिक्षकों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. अधिकांशतः प्राईवेट शिक्षक कोचिंग/टयूशन के चलाकर ही भरण पोषण करते है.
आर्थिक और मानसिक रूप से तनावग्रस्त है. आमदनी शून्य हो गई है. रूम का किराया काफी बढ गया है. भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं. बहुत सारे शिक्षकबंधु किराये का रूम लेकर चलाते है जो अब छोड रहे है. किराया कहां से दे पाएंगे. दिन प्रतिदिन स्थिति प्राईवेट शिक्षकों की स्थिति बिगड़ती जा रही है. समाज का निर्माता ही आज भूखमरी के कगार पर है. सरकार को आर्थिक रूप से मदद करना चाहिए जिससे की भरण पोषण हो सके. सचिव रवि सिंह ने बताया कि शिक्षा पर इसका बहुत व्यापक असर पड रहा है. जनप्रतिनिधियों , प्रशासनिक और बिहार के मुख्यमंत्री , शिक्षामंत्री , प्रधान सचिव सभी जगह आग्रह के साथ आवेदन दिया गया है. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं. आखिर प्राईवेट शिक्षक कहां और किसके पास जाए. सैकड़ों शिक्षकों को आर्थिक स्थिति का डर सताने लगा है कि आगे क्या होगा. प्रवासी मजदूर से ही बुरी स्थिति हो गई है.
संयोजक विजय कुमार ने बताया कि यदि माध्यमिक स्तरोम के छात्रों को भी सेनीटाईजर , थर्मल पावर स्क्रैनिंग थर्मामीटर , साबुन , मास्क , सामाजिक दूरी और एक बेंच पर दो और बैचों के साथ दूरी बनाकर चलाने के लिए आदेश मिलता है तो सैकडों शिक्षको को दो वक्त की रोटी नसीब होगी. अगर यह संभव नहीं होता तो फिऱ सरकार आर्थिक सहायता ही देकर जीवना यापन का प्रबंध करें.