नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट संबंधी अनुमान को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए कदमों के कारण देश पहली बार मंदी में चला गया है. उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘भारत इतिहास में पहली बार मंदी में चला गया है. मोदी जी की ओर से उठाए गए कदमों से भारत की ताकत उसकी कमजोरी बन गई.’
कांग्रेस नेता ने जो खबर साझा की उसके मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) जीडीपी 8.6 फीसदी सिकुड़ जाएगी.
इसके बाद एक अन्य ट्वीट में राहुल ने कहा- ‘भारत के इतिहास में देश में पहली बार मंदी छाई है. भारत की ताक़त को मोदी जी ने कमज़ोरी में बदल दिया.’
देश पहली बार मंदी में, दूसरी तिमाही में जीडीपी 8.6 प्रतिशत गिरने का अनुमान: आरबीआई
बता दें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत घटने का अनुमान है. इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है.
कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत का संकुचन हुआ था. दूसरी तिमाही के जीडीपी के सरकारी आंकड़े अभी नहीं आए हैं पर केंद्रीय बैंक के अनुसंधानकर्ताओं ने तात्कालिक पूर्वानुमान विधि का प्रयोग करते हुए अनुमान लगाया है कि सितंबर तिमाही में संकुचन 8.6 प्रतिशत तक रहा होगा. इन अनुसंधानकर्ताओं के विचार बुधवार को जारी आरबीआई के मासिक बुलेटिन में प्रकाशित हुए हैं.
चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान
आरबीआई ने पहले ही अनुमान लगा रखा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. आरबीआई के अनुसंधानकर्ता पंकज कुमार द्वारा तैयार की गयी अध्ययन रपट में कहा गया है कि भारत तकनीकी रूप से 2020-21 की पहली छमाही में अपने इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी में चला गया है.
‘इकोनॉमिक एक्टिविटी इंडेक्स’ यानी आर्थिक कामकाज का सूचकांक शीर्षक से लिखे गये लेख में कहा गया है कि लगातार दूसरी तिमाही में आर्थिक संकुचन होने का अनुमान है. हालांकि इसमें कहा गया है कि गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य होने के साथ संकुचन की दर कम हो रही है और स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है.